नयी दिल्ली – देश में घुटना बदलने के लिए पहली ‘पूर्ण एक्टिव रोबोटिक तकनीक’ पेश की गयी है यह अत्याधुनिक रोबोट प्रणाली सबसे आधुनिक सर्जिकल उपकरण है, जो 3डी प्रि-प्लानिंग, विकृतियों की सही पहचान करने में समर्थ है।
दिल्ली के सीके बिरला अस्पताल में अस्थि रोग विभाग के डॉ. अश्विनी मैचंद ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी तकनीक से क्षतिग्रस्त घुटने के टिश्यू को हटाकर इसे कृत्रिम घुटने से बदल दिया जाता है। देश में हर साल 2.5 लाख से ज्यादा लोग घुटना बदलने के लिए आपरेशन कराते हैं।
यह संख्या पाँच साल पहले के मुकाबले लगभग तीन गुना बढ़ चुकी है। रोबोटिक तकनीक में कम से कम खून बहता है और ज्यादा सुरक्षित तरीके से मिनिमली इन्वेज़िव सर्जिकल (एमआईएस) तकनीक के साथ ऑपरेशन किया जाता है।
उन्होंने कहा कि यह तकनीक रोगी के अनुकूल और लचीली है और सुरक्षा के साथ सटीक है। इसमें संक्रमण का जोखिम बहुत कम है और मरीज कम पीड़ा के साथ बहुत तेजी से स्वस्थ हाेता है।