Thursday, September 19, 2024

भाकियू अराजनैतिक का अनिश्चितकालीन धरना जारी, क्रांति सेना महिला मोर्चा व किसान मजदूर यूनियन का भी मिला साथ

मुजफ्फरनगर। आज भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा आयोजित अनिश्चितकालीन धरना 11वें दिन भी चौ. उधम सिंह मंत्री के नेतृत्व में जारी रहा। आज धरने पर क्रांति सेना की महिला जिलाध्यक्ष पूनम  चौधरी के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाओं ने समर्थन देते हुए कहा कि महिला ही असली किसान है। खेत में खाना पहुंचाने से लेकर पशुपालन तक सारी जिम्मेदारी महिला किसान ही संभालती है। हमारा संगठन किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करेंगा।

प्रीति ठाकुर ने कहा कि महिलाएं ही घर में बीज का संरक्षण और पशुपालन करती है। महिलाओं के बिना खेती की कल्पना संभव नहीं है। हम इस आंदोलन को समर्थन ही नहीं पूरी शक्ति के साथ मजबूत करेगे। हर दिन महिलाओं की उपस्थिति रहेगी।

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भारतीय किसान यूनियन क्रांति सेना के डॉक्टर अरशद ने भी आदेश सैनी राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि संगठन अलग हो सकता है, लेकिन मुद्दा एक है हम किसानों के साथ है। सभी वक्ताओं ने अविलंब गन्ना मूल्य घोषित करने की मांग दोहराते हुए कहा कि सरकार किसानों की परीक्षा न ले, किसान को आप डरा नही सकते है। यूरिया खाद की बोरी से 5 किलों खाद कम करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए किसानों ने केंद्रीय रसायन उर्वरक मंत्री के नाम नगर मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को ज्ञापन दिया।

धरने पर खतौली तहसील अध्यक्ष शेखर सोम, पवित अहलावत ब्लॉक अध्यक्ष खतौली, सुरेंद्र रावल  ब्लॉक अध्यक्ष सदर, अध्यक्ष, बिजेंद्र बालियान प्रदेश सचिव, नीरज पहलवान मंडल अध्यक्ष सहारनपुर, अंकित चौधरी जिलाध्यक्ष, विपिन त्यागी मंडल सचिव, मोहित मलिक, दुष्यंत मलिक, सलमान गौड़ यासीन चौधरी ने संबोधित किया। धरने में नेहा गोयल, कंचल बाटला, अंजु त्यागी, शालू चौधरी, पिन्यु ठाकुर, अंकित जवला, विनय मुखिया मुर्तजा बालियान, मदन कश्यप, सहदेव, मनीष त्यागी, नीरज मलिक, प्रवीण पहलवान, श्रेय मलिक, देवेंद्र पिनना, संजीव सहरावत, चंद्रवीर भोकरहेड़ी, अहमद अंसारी, इरफान अल्वी सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक व चौधरी उधम ने सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को सौंपे ज्ञापन में विभिन्न मांगों के समाधान की मांग उठाई। जनपद में किसान गन्ना मूल्य एवं यूरिया खाद का वजन कम किए जाने को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर है। आंदोलनरत किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार ने हाल में देश में नीम लेपित यूरिया के स्थान पर सल्फर लेपित यूरिया यूरिया गोल्ड लांच किया है। इसको मौजूदा यूरिया का अच्छा विकल्प बताया गया है। देश में जब नीम लेपित यूरिया को लाया गया, तो इसी तरह के तर्क दिए गए थे, इसके बाद बाजार से साधारण यूरिया गायब हो गया।  नीम लेपित यूरिया लाने के समय ओर वर्तमान में सल्फर लेपित यूरिया लाने के समय खाद की बोरी से पांच- पांच किलो वजन कम कर दिया गया । सरकार ने वजन कम करके इसी दाम पर किसानों को सप्लाई जारी रखने का निर्णय लिया है। यह निर्णय किसान हित में नहीं है। देश का किसान इसे खाद की बोरी से चोरी मान रहा है। देश में किसानों को साधारण यूरिया 50  किलोग्राम का बैग, नीम लेपित यूरिया के 45 किलोग्राम का बैग सल्फर लेपित यूरिया 40  किलोग्राम का बैग भी 266.5० रुपये की एमआरपी पर उपलब्ध होता रहे, ताकि उसके पास एक विकल्प रहे। देश में किसानों को साधारण यूरिया 5० किलोग्राम, नीम लेपित यूरिया  45 किलोग्राम सल्फर लेपित यूरिया 4० किलोग्राम का बैग भी 266.5० रुपये की एमआरपी पर ही उपलब्ध होता रहे, जिससे किसानों को लाभकारी विकल्प चयन का अवसर मिल सके।

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