मुंबई। सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर 19 फरवरी को सीरियल कुछ रीत जगत की ऐसी है लांच होगा।
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन की नवीनतम पेशकश, कुछ रीत जगत की ऐसी है” में घरेलू, हौसले से भरी और जिम्मेदार नंदिनी हमारे देश में मौजूद पारंपरिक दहेज प्रथा को चुनौती देती नजर आती है। कुछ रीत जगत की ऐसी है के केंद्र में मीरा देवस्थले द्वारा निभाया गया नंदिनी का किरदार है। नंदिनी महिलाओं के आत्म-सम्मान को अपमानित करने वाली सदियों पुरानी मान्यताओं को चुनौती देने वाली ताकत का प्रतीक है।गुजरात के परिवेश पर आधारित यह शो नंदिनी पर प्रकाश डालता है, जिसकी परवरिश उसके मामा और मामी ने की है, जिनका किरदार जगत रावत और सेजल झा ने निभाया है। परंपरा में गहरी जड़ें जमा चुकी नंदिनी अपने बड़ों का सम्मान करती है, वह पढ़ी-लिखी है और अपने विचारों में प्रगतिशील है। उसकी माँ ने उसे सिखाया है कि जो बात समझ में ना आए उसे पर सवाल करो, और नंदिनी निडरता से ऐसा करती है। अभिनेता ज़ान खान ने नंदिनी के पति, नरेन रतनशी की भूमिका निभाई है, जबकि अभिनेता धर्मेश व्यास और ख़ुशी राजपूत उसके सास-ससुर हेमराज रतनशी और चंचल रतनशी की भूमिका में हैं।
जेडी मजेठिया, हैट्स ऑफ प्रोडक्शंस ने कहा,दहेज प्रथा अब भी एक भयानक हकीकत है, न केवल ग्रामीण भारत में बल्कि महानगरीय शहरों में भी। इसे अब एक नई भाषा मिल गई है, “हमें कुछ नहीं चाहिए, आप अपनी बेटी को खुशी से जो देना चाहो वो दीजिए। हम दहेज में लाए गए सोने और उपहारों की तुलना में एक महिला के जीवन, उसकी कीमत को क्यों महत्व देते हैं? इस तरह के सवाल बार-बार उठाए जाने की जरूरत है और हमारे शो का उद्देश्य ऐसी कई प्रथाओं पर प्रकाश डालना है जो परंपरा के रूप में छिपी हुई हैं। हमें इतनी शानदार कलाकारों के साथ काम करने में खुशी हो रही है, जो प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखी गई इस कहानी में अपनी दमदार अधिकारी प्रस्तुत करेंगे, जो देश भर के दर्शकों के दिलों में उतरने का वादा करती है।
मीरा देवस्थले ने कहा,मैंने भारतीय टेलीविजन पर हमेशा अपरंपरागत भूमिकाएं चुनी हैं, और मैं अपने अगले किरदार नंदिनी को लेकर बहुत उत्साहित हूं, जो हर उसे बात के खिलाफ आवाज उठाती है जिसे वो गलत मानती है। आज भी, दहेज हमारे समाज को परेशान कर रहा है, जिसमें हम एक लड़की का मूल्य उन पैसों और महंगी वस्तुओं तक सीमित कर देते हैं जो वह अपने ससुराल में लाती है। यह नंदिनी की कहानी है, जिसने अपने दहेज की वापसी की मांग करते हुए एक ऐसा कदम उठाया जो पहले कभी देखा या सुना नहीं गया था, और मुझे उम्मीद है कि हम इस संदेश को दूर-दूर तक फैला सकते हैं कि दहेज रीत नहीं रोग है।”