कानपुर। कुशाग्र हत्याकांड को लेकर परिजनों से लेकर व्यापारियों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। रविवार को अधिवक्ताओं का दल परिजनों से मिला और हर संभव न्यायिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया। परिजनों ने कहा कि हत्यारोपितों को फांसी से कम सजा नहीं मिलनी चाहिए।
रायपुरवा थाना क्षेत्र के कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया के 17 वर्षीय पुत्र कुशाग्र का अपहरण सोमवार को हो गया था। अगले ही दिन मंगलवार को कुशाग्र का शव बरामद हुआ और पुलिस ने तीन हत्यारोपितों को गिरफ्तार कर लिया। हत्याकांड के खुलासे से परिजनों में नाराजगी रही। परिजनों ने कहा कि खुलासे में पुलिस का कोई अहम रोल नहीं था। खुलासा निजी गार्ड के जरिये हुआ और पुलिस मृतक बेटे को भी बदनाम कर दिया। इसको लेकर हालांकि पुलिस ने बाद में आशनाई वाले बयान का खंडन कर दिया।
हत्याकांड को लेकर परिजन से लेकर व्यापारियों में आक्रोश है और हत्यारोपितों को फांसी की मांग की जा रही है। रविवार को बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद द्विवेदी की अध्यक्षता में अधिवक्ताओं का दल परिजनों से मिला। अधिवक्ताओं ने भरोसा दिलाया कि हत्यारोपितों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। परिजनों ने कहा कि मुकदमा फास्ट ट्रैक में चलाया जाए जिससे जल्द न्याय मिल सके। यह भी कहा कि हत्यारोपितों को फांसी से कम सजा नहीं मिलनी चाहिए। ताकि अपराधियों में अपराध करने से पहले भय व्याप्त हो जाए।