नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने पर्याप्त पूंजी की कमी होने की वजह से विजयवाड़ा के दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक के लाइसेंस को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही आरबीआई ने आंध्र प्रदेश के कमिश्नर फॉर को-ऑपरेशन एंड कोऑपरेटिव सोसाइटीज के रजिस्ट्रार को बैंक को बंद करने और एक लिक्विडेटर की नियुक्ति करने के लिए आदेश जारी करने के लिए कहा है।
देश के केंद्रीय बैंक की ओर से कहा गया है कि दुर्गा कोऑपरेटिव अर्बन बैंक बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के नियमों का पालन नहीं कर सका है। ऐसे में इस बैंक का चालू रहना उसके डिपॉजिटर्स के हितों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। बैंक की वित्तीय स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि वो अपने मौजूदा डिपॉजिटर्स को पूरा भुगतान करने में भी असमर्थ होगा।
उल्लेखनीय की लिक्विडेशन की स्थिति में इस बैंक का हर खाता धारक (जमाकर्ता) डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) से 5 लाख रुपये की अधिकतम सीमा तक अपनी जमा राशि पर डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट पाने का हकदार होगा। आरबीआई की ओर से बताया गया है कि दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक ने जो आंकड़े दिए हैं, उसके अनुसार 95.8 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी के जरिए अपनी पूरी जमा राशि प्राप्त करने सकते हैं।
दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक का लाइसेंस रद्द करने के पहले इसी साल जुलाई में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कर्नाटक के शिमशा सहकारी बैंक की बिगड़ती है वित्तीय स्थिति के कारण उसका लाइसेंस रद्द कर दिया था। इसी तरह जून के महीने में केंद्रीय बैंक में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के पूर्वांचल सहकारी बैंक का लाइसेंस भी उसके पास पर्याप्त पूंजी नहीं होने के कारण रद्द कर दिया था।