Saturday, November 16, 2024

2030 तक देश में ऑयल एक्सप्लोरेशन एरिया को 10 लाख वर्ग किमी तक बढ़ाया जाएगा

नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 2030 तक देश में ऑयल एक्सप्लोरेशन एरिया को 10 लाख वर्ग किलोमीटर तक विस्तारित करने की बात कही है। उनका कहना है की भारत की एनर्जी सिक्योरिटी को मजबूत करने के लिए ऑयल एक्सप्लोरेशन एरिया को अधिक से अधिक बढ़ाना जरूरी है। हरदीप सिंह पुरी आज दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में आयोजित जीईओ इंडिया 24 के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार का गठन हुआ था, तब भारत के सिर्फ 6 प्रतिशत सेडिमेंट्री (तलछटी) बेसिन में ही एक्सप्लोरेशन हो सका था, लेकिन अब ये आंकड़ा बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है। इसके साथ ही ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) के तहत आगे की जाने वाली गतिविधियों से ये आंकड़ा बढ़ कर 2025 में 16 प्रतिशत हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक्सक्लूसिव इकोनामिक जोन में ‘नो गो’ क्षेत्र को करीब 99 प्रतिशत तक कम कर दिया है, जिससे तेल और प्राकृतिक गैस की खोज के लिए नए क्षेत्र खुल गए हैं।

जीईओ इंडिया 24 के सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने एनर्जी सेक्टर में विकास को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे कई सुधारो के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन प्रमुख सुधारो में एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन एक्टिविटी के लिए दी जाने वाली मंजूरी की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। पहले एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन का काम शुरू करने के लिए 37 अलग-अलग चरणों में मंजूरी लेनी पड़ती थी, जिसे घटाकर अब 18 कर दिया गया है। इनमें भी 9 मंजूरी प्रक्रिया के लिए सेल्फ सर्टिफिकेट की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही 2024 में ऑयल फील्ड्स (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) अमेंडमेंट बिल की शुरुआत तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादकों के लिए नीति की स्थिरता को सुनिश्चित करती है। इसके जरिये अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की अनुमति मिलती है और ये लीज की अवधि को भी बढ़ाती है।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि देश का ऊर्जा लैंडस्केप काफी तेजी के साथ विकसित हो रहा है। देश में 651.8 मिलियन मेट्रिक टन कच्चे तेल का और 1,138.6 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का भंडार है, जिसका अभी तक एक्सप्लोरेशन नहीं किया गया है। इतने प्रचुर संसाधनों के बावजूद भारत अपनी अन्वेषण क्षमता (एक्सप्लोरेशन कैपेसिटी) का प्रयोग नहीं कर सका है। लेकिन केंद्र सरकार जल्द ही अपनी एक्सप्लोरेशन कैपेसिटी का अधिकतम प्रयोग करना शुरू कर देगी। इस दिशा में गंभीरतापूर्वक कोशिश की जा रही है।

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