श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर कैबिनेट के केंद्रशासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के प्रस्ताव को शनिवार को उपराज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव गुरुवार पारित किया गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नवनिर्वाचित जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र 4 नवंबर 2024 को होगा।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में 17 अक्टूबर को हुई कैबिनेट की बैठक में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया था। इसमें कहा गया है कि कैबिनेट की मंजूरी के साथ पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया की शुरुआत होगी, जिससे जम्मू-कश्मीर के लोगों के संवैधानिक अधिकारों को पुनः बहाल किया जा सकेगा और उनकी पहचान की रक्षा की जा सकेगी। कैबिनेट ने राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के सामने मामला उठाने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
जम्मू-कश्मीर की विशिष्ट पहचान और लोगों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा नवनिर्वाचित सरकार की नीति का आधार बनी हुई है। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि सीएम उमर अब्दुल्ला इस संबंध में पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करने के लिए आने वाले दिनों में नई दिल्ली जाएंगे।
कैबिनेट ने 4 नवंबर 2024 को श्रीनगर में विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला किया और उपराज्यपाल को विधानसभा सत्र बुलाने और उसे संबोधित करने की सलाह दी। पहले सत्र की शुरुआत में उपराज्यपाल की ओर से विधानसभा को संबोधित करने का मसौदा भी मंत्रिपरिषद के सामने रखा गया, जिस पर मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया कि इस पर आगे विचार किया जाएगा और चर्चा की जाएगी।
परिषद ने मुबारक गुल को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने के लिए उपराज्यपाल को सिफारिश भी की, जो 21 अक्टूबर 2024 को विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। इस बीच उपराज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव होने तक मुबारक गुल को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने का आदेश जारी कर दिया है।