मुरादाबाद। मुरादाबाद के विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट (पीए) संदीप गुप्ता द्वितीय की अदालत ने शनिवार को चार साल पहले जिले के थाना डिलारी क्षेत्र में दलित पल्लेदार पर जानलेवा हमला करने में साथी को दोषी करार दिया है। आरोपित हृदेश पुत्र रामचंद्र सिंह को आजीवन कारावास एवं एक लाख, आठ हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
एससी-एसटी कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक आनंदपाल सिंह एडवोकेट ने बताया कि डिलारी कस्बे के रहने वाले रविदास सागर रोजी रोटी के लिए सरकारी सस्ते गल्ले के गोदाम में पल्लेदारी का काम भी करता है। 27 जुलाई 2020 को भी वह जुल ढकिया में गोदाम पर पल्लेदारी करने गया था। उसके साथ विक्की, राजू व अन्य लोग भी थे। इस दौरान बहेड़ी ब्रहमान का सरकारी सस्ते गल्ला विक्रेता जगपाल सिंह आया और उसका माल उतारने की बात रविदास से तय हो गई। इस दौरान उसके साथ मौजूद हृदय कश्यप माल उतारने को लेकर झगड़े पर उतारू हो गया।
आरोप है कि हृदेश रविदास को जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने लगा। मामला बढ़ा तो आरोपित ने रविदास के सिर पर ईंट मारकर घायल कर दिया। सिर पर चोट से वह बेहोश हो गया। डिलारी पुलिस की तहरीर पर हृदेश के खिलाफ एससी-एसटी समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा कायम किया।
विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी संदीप गुप्ता (द्वितीय) की अदालत में केस की सुनवाई हुई। विशेष लोक अभियोजक आनंद पाल सिंह ने आगे बताया कि केस में दो सीओ ने विवेचना की। इसके चलते कोर्ट में सात लोगों ने गवाही दी। वादी की ओर से बहस करते हुए जानलेवा हमला करने व मारपीट करने का पक्ष रखा। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद हृदेश को दोषी मानते हुए एससी-एसटी में उम्रकैद व पचास हजार व जानलेवा हमले में दस साल व तीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक का कहना है कि दोषी पर विभिन्न धाराओं मैं एक लाख आठ हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।