मुजफ्फरनगर। जनपद में करीब दस साल पहले शहर कोतवाली क्षेत्र के पीनना गांव के पास शामली के दो युवकों की हत्या के मामले में दोषी को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई गई। एक आरोपी को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया।
अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-14 की पीठासीन अधिकारी रीमा मल्होत्रा ने फैसला सुनाया। शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा और सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी किरणपाल कश्यप ने बताया कि 24 नवंबर 2013 को पीनना गांव के राजबाहे में दो युवकों के गोली लगे शव पड़े मिले थे। मृतकों की शिनाख्त शामली के गोगवान जलालपुर निवासी विशाल और विजय उर्फ बिट्टू के रूप में हुई।
अज्ञात में मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस जांच में सामने आया था कि गांव के ही बबली उर्फ देवी सिंह ने दोनों मृतकों से सेना भर्ती कराने के नाम पर 1-1 लाख रुपये लिए थे। पुलिस ने जांच के बाद सुशील उर्फ सोनू और बबली उर्फ देवी सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। प्रकरण की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-14 में हुई।
साक्ष्यों के अभाव में सुशील उर्फ सोनू को दोषमुक्त करार दिया गया, जबकि बबली उर्फ देवी सिंह को धारा 302 में आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड नहीं देने पर छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। धारा 201 में सात साल का कारावास और सात हजार रुपये अर्थदंड, आयुध अधिनियम में दो साल कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई।
अभियोजन के अनुसार ग्राम गोगवान जलालपुर निवासी वारदात के दोषी बबली उर्फ देवी सिंह ने विशाल व विजय उर्फ बिट्टू को सेना में भर्ती कराने के लिए ढाई-ढाई लाख रुपये में बात तय की। दोनों ने एक-एक लाख रुपये एडवांस दे दिए। 19 नवंबर 2013 को दोनों मेरठ में भर्ती का रिजल्ट देखने गए, लेकिन सफल नहीं हुए। इसके बाद मोबाइल पर दोनों की बबली से कहासुनी हुई। दोनों को बहाने से पीनना बाईपास बुलाया गया। दोनों घर नहीं पहुंचे, तो 22 नवंबर को गुमशुदगी दर्ज कराई गई। 24 नवंबर को दोनों के शव राजबाहे में बरामद हुए थे।