मुजफ्फरनगर। जनपद में चाचा के हत्यारोपियों के खिलाफ गवाही देकर लौट रहे व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आज कोर्ट ने चारों आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। चारों पर 10-10 हज़ार का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने 13 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण जावला और नीरजकांत मलिक ने बताया कि शाहपुर थाना क्षेत्र के गांव गोयला निवासी कृष्णपाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना का मुकदमा कोर्ट में चल रहा था। इस मामले में कोर्ट में गवाही देने पहुंचे उसके भतीजे सुधीर पर 1 दिसंबर 2009 को लौटते समय हमला किया गया था।
उन्होंने बताया कि गोयला निवासी सुखपाल ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि वे लोग कोर्ट से गवाही देकर लौट रहे थे। जब वह मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव जीवना के पास पहुंचे तो हथियारबंद बदमाशों ने उन पर हमला बोल दिया था। जिसमें उनके भतीजे सुधीर की गोली लगने से मौत हो गई थी।
मामले में पुलिस ने नामजद मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की। जांच के दौरान सामने आया था कि दीपक पुत्र जयप्रकाश निवासी गोयला ने जेल से हत्या की अपराधिक साजिश रची थी। इस मामले में पुलिस ने सोमपाल पुत्र जसवीर निवासी साल्हाखेड़ी थाना बाबरी जिला शामली, राजू उर्फ राजीव निवासी गांव भाज्जू थाना भोराकला और दीपक पुत्र जयप्रकाश निवासी गांव गोयला और पंकज पुत्र मदन पाल निवासी चांदहैड़ी थाना छपरोली जिला बागपत के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की।
घटना की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश साकिर हसन की कोर्ट में हुई। कोर्ट ने चारों आरोपियों को हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई और 10-10 हज़ार का जुर्माना लगाया।