Tuesday, November 19, 2024

हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत पर है गर्व,25 करोड़ देशवासियों को गरीबी की दलदल से बाहर निकाला- मोदी

नई दिल्ली। नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में रविवार को भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 10 साल पहले देश में चारों तरफ निराशा व हताशा थी। यह मान लिया गया था कि इस देश का कुछ नहीं हो सकता। यह निराशा भारतीय संस्कृति के लिए भी परेशान करने वाली बात थी। इसलिए 2014 के बाद हमने भौतिक विकास के साथ ही सांस्कृतिक विरासत पर गर्व का संकल्प लिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसी तरह हमने अपनी धरोहरों को संभालना शुरू किया। हमने योग और आयुर्वेद की बात की। आज देश की नई पीढ़ी को यह विश्वास हो गया है कि हमारी पहचान हमारा स्वाभिमान है। जब राष्ट्र में स्वाभिमान का यह भाव जाग जाता है, तो उसे रोकना असंभव हो जाता है। भारत की प्रगति इसका प्रमाण है। भारत के लिए आधुनिकता शरीर है, आध्यात्मिकता उसकी आत्मा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर आधुनिकता से आध्यात्मिकता को निकाल दिया जाता है, तो अराजकता का जन्म होता है। आचरण में अगर त्याग नहीं है, तो बड़े से बड़ा विचार भी विसंगति बन जाता है। यही दृष्टि भगवान महावीर ने हमें सदियों पहले दी थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दशकों तक हमारे देश ने भ्रष्टाचार की त्रासदी को सहा है। हमने गरीबों की गहरी पीड़ा देखी है। आज देश उस मुकाम पर पहुंचा है कि हमने 25 करोड़ देशवासियों को गरीबी की दलदल से बाहर निकाला है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत मंडपम में एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और मीनाक्षी लेखी भी मौजूद थीं।

इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं समस्त देशवासियों को महावीर जयंती के इस पवित्र अवसर पर शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर आज मुझे आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का स्मरण होना स्वाभाविक है। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी मंदिर में मुझे उनका सानिध्य मिला था। आज उनका भौतिक शरीर भले ही हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनका आशीर्वाद हमारे साथ है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यही समय है, जब हमें समाज में अहिंसा के आदर्शों को मजबूत करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं सभी संतो को भरोसा देता हूं कि देश इस दिशा में हर संभव प्रयास जारी रखेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि भारत के भविष्य निर्माण की इस यात्रा में सभी संतों का सहयोग इसे मजबूत बनाएगा।

प्रधानमंत्री से पहले जैन मुनियों और संतों ने लोगों को संबोधित किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं सभी पूज्य संतों को श्रद्धापूर्वक प्रणाम करता हूं, उनकी वाणी में एक प्रकार से मोती प्रकट हो रहा था। चाहे नारी सशक्तिकरण की बात हो, चाहे विकास यात्रा की बात हो, चाहे महान परंपरा की बात हो। पूज्य संतों ने मूलभूत आदर्शों को रखते हुए वर्तमान व्यवस्था में क्या हो रहा है, क्या होना चाहिए, इसे बहुत ही कम समय में अद्भुत तरीके से प्रस्तुत किया। मैं इसके लिए उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मैं उनके एक-एक शब्द को आशीर्वाद मानता हूं, यह मेरे लिए बहुत बड़ी पूंजी है। उनका एक-एक शब्द हमारे लिए प्रेरणा है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय