पटना। बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में लगे सीआरडी पटना पुस्तक मेले के स्टॉल्स पर पुस्तक प्रेमियों की भीड़ जुट रही है। दिनभर कार्यक्रमों की भरमार है तो साहित्य प्रेमी से लेकर स्कूली बच्चों के विभिन्न कार्यक्रमों में पहुंचने से पुस्तक मेला गुलजार हो रहा है। पाठकों को खुशी है कि विभिन्न प्रकाशकों के स्टॉल्स पर हर वर्ग के लिए पुस्तकें हैं तो प्रकाशक पाठकों के उत्साह देखकर प्रसन्न हैं। बुधवार को ‘जानो जंक्शन एपिक शो’ में विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने बेहतरीन प्रदर्शन किए। फाइनल में पहुंचे शेमफोर्ड फ्यूचरिस्टिक के छात्र-छात्राओं ने कई गाने एकसाथ गाकर अलग अंदाज में पेश किया। शेमफोर्ड फ्यूचरिस्टिक को पहला एवं बीडी. पब्लिक स्कूल को दूसरा स्थान दिया गया। वाणी प्रकाशन ग्रुप से प्रकाशित लेखक संतोष सिंह के कविता-संग्रह ‘करवट’ पर प्रेरक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस दौरान संतोष सिंह ने ‘करवट’ से कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम ने साहित्य और समाज के बदलते स्वरूप पर विचार-विमर्श का मंच प्रदान किया। साहित्यकार अरुण कमल ने कहा कि कविता हमेशा खबर बनी रहती है।
साहित्यकार प्रेम कुमार मणि ने कहा कि संतोष का संग्रह कविता की परंपरा आगे बढ़ाता है। पुस्तक मेला के पाटलिपुत्र मंच पर अपूर्व के पहले उपन्यास ‘इनसेनिटी इज द गिफ्ट’ पर चर्चा में मॉडरेटर उमंग ने लेखक अपूर्व और कवि अंचित से संवाद किया। उमंग ने बताया कि यह उपन्यास पटना के एनआईटी घाट के पास रोज मस्ती करने वाले चार दोस्तों की कहानी है। यूनिसेफ के सौजन्य से होने वाले सत्र ‘बच्चे जैसे कथा कहानी’ में विमलेन्दु ने कहानी सुनाई। उन्होंने अपने अंदाज में डमरू बजाकर बच्चों का मन मोह लिया और फिर उन्हें ‘इमली के पेड़’ की कहानी सुनाई। यह भी सिखाया कि पर्यावरण की रक्षा हमारा दायित्व है। इसके बाद बच्चों ने अपनी कहानी लिखी और उन सभी को प्रमाण पत्र दिया गया। इसके अलावा ‘मटरगश्ती’ कार्यक्रम में सैयद साहेब अली, फूड ब्लॉगर आमितेश सिन्हा और अनुकूल तिवारी ने भाग लिया। आमितेश सिन्हा ने कहा कि मैंने भोजन खोजने के लिए लगभग दस देशों की यात्रा की है। नेचर और ब्रांड बिहार पर काम करने पर ब्लॉगर सोहेब अली ने बताया कि बिहार का नेचर बहुत सुंदर हैं। हमारे यहां इको टूरिज्म की बहुत ही संभावनाएं हैं।