पणजी। गोवा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (जीएससीपीसीआर) के तीन स्कूलों में बच्चों को परोसे गए मिड-डे मील में कीड़े पाए जाने पर राज्य शिक्षा विभाग को नोटिस दिए जाने के एक दिन बाद, राज्य सरकार ने एक स्वयं सहायता समूह का लाइसेंस अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) का लाइसेंस अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। स्वयं सहायता समूहों को खाने की गुणवत्ता बनाए रखनी चाहिए। हम ऐसी घटनाओं को दोबारा बर्दाश्त नहीं करेंगे।
यह घटना मंगलवार की है। दक्षिण गोवा प्रियोल क्षेत्र के तीन स्कूलों में बच्चों को परोसे गए सोया चंक्स पुलाव में कीड़े मिले थे। स्कूलों की शिकायत के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन निदेशालय के अधिकारियों ने खाने (भोजन) के नमूने एकत्र किए थे। इसके बाद, जीएससीपीसीआर ने इस संबंध में शिक्षा विभाग को नोटिस दिया।
यह बेहद अपमानजनक और चौंकाने वाली बात है कि निगरानी तंत्र मौजूद होने के बावजूद बच्चे पहले से ही इसका सेवन कर रहे थे।
जीएससीपीसीआर के अध्यक्ष पीटर एफ. बोर्गेस ने एक प्रेस बयान में कहा, ”एमडीएम योजना में राज्य, जिला और स्थानीय स्तर पर विस्तृत निगरानी तंत्र हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना के तहत बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन परोसा जाए।”
यह घटना उन सभी लोगों की ओर से पूरी लापरवाही दिखाती है जो सभी स्तरों पर निगरानी तंत्र का हिस्सा हैं और गंभीर कार्रवाई की मांग करते हैं। आयोग ने घटना की जांच करने और कानून के अनुसार जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का आह्वान किया।
बोर्जेस ने कहा, “इसने आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा निदेशालय को विभिन्न स्तरों पर सभी निगरानी तंत्रों की स्थिति दर्ज करने के लिए कहा है।”
कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के स्कूली छात्रों को मिड-डे मील दिया जाता है। इससे तटीय राज्य के 1,400 सहायता प्राप्त और सरकारी स्कूलों के लगभग 1.60 लाख छात्रों को लाभ मिलता है। गोवा में लगभग 100 स्वयं सहायता समूह मीड-डे मील तैयार करने में लगे हुए हैं, और लगभग सात अभिभावक शिक्षक संघ हैं, जो सरकार की मदद से अपने स्कूलों के लिए खाना बनाते हैं।