प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में संपूर्ण विश्व के मत, मतावलंबी और पंथ एकाकार हो रहे हैं। इसी कड़ी में शिरडी साईं बाबा के भक्तों का उत्साह भी देखते ही बनता है। हर दिन साईं भक्त शिविर से उनकी प्रतिमा लेकर गंगा स्नान के लिए संगम जाते हैं। खास बात यह है कि पिछले 29 वर्षों से संगम क्षेत्र में शिरडी के साईं बाबा का शिविर लगातार लगाया जा रहा है।
शिरडी साईं स्प्रिचुअल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी ने बताया कि यह परंपरा वर्ष 1995 में पहली बार माघ मेले में शुरू हुई थी। इसके बाद से हर साल माघ मेला, कुंभ और महाकुंभ में साईं बाबा का शिविर आयोजित किया जाता है। इस शिविर में देशभर से आने वाले साईं भक्त त्रिवेणी स्नान और कल्पवास के लिए जुटते हैं।
शिविर आयोजकों के अनुसार, हिंदू धर्म में विभिन्न मतावलंबी और मान्यताएं हैं। कोई कंकण को ही शंकर मान लेता है तो कोई किसी अन्य रूप में ईश्वर की आराधना करता है। सनातन धर्म की यही विशेषता है कि इसमें किसी के विश्वास का विरोध नहीं किया जाता।
साईं बाबा की सेवा के विषय में ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी ने कहा कि “हम लोग साईं बाबा की सेवा उसी तरह करते हैं जैसे घर के बुजुर्ग की सेवा की जाती है।” उन्होंने कहा कि जब बड़े-बड़े धर्मात्मा और विद्वान साईं बाबा की भक्ति पर सवाल उठाते हैं, तो यह दुखद होता है।