नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद महाविकास अघाड़ी (MVA) में फूट की अटकलें सच साबित हो गई हैं। विधानसभा के विशेष सत्र के पहले ही दिन समाजवादी पार्टी (सपा) ने MVA छोड़ने का ऐलान कर दिया। सपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने एमवीए से अलग होने का निर्णय लिया है।
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अबू आजमी ने शिवसेना (यूबीटी) पर निशाना साधते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं की टिप्पणी और पोस्ट से सपा आहत है। शिवसेना (यूबीटी) के विधान पार्षद मिलिंद नार्वेकर ने मस्जिद विध्वंस की एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के कथन का हवाला देते हुए लिखा था, “मुझे उन लोगों पर गर्व है जिन्होंने यह किया।” इस पोस्ट में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और अन्य की तस्वीरें भी शामिल थीं।
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अबू आजमी ने कहा कि“अगर एमवीए में कोई ऐसी भाषा बोलता है, तो भाजपा और उनमें क्या अंतर है? हमें उनके साथ क्यों रहना चाहिए?”
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सपा का कहना है कि शिवसेना (यूबीटी) की ओर से बाबरी मस्जिद विध्वंस की सराहना करने वाला रवैया उनके आदर्शों के खिलाफ है। अबू आजमी ने MVA पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे गठबंधन में रहने का कोई मतलब नहीं है, जहां धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई जाए। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात कर एमवीए छोड़ने का निर्णय लिया है।
सपा के इस कदम से महाविकास अघाड़ी को बड़ा झटका लगा है। सपा के पास महाराष्ट्र विधानसभा में दो विधायक हैं, जिनमें से अबू आजमी ने स्पष्ट कर दिया है कि सपा अब एमवीए का हिस्सा नहीं रहेगी।
विशेष सत्र के दौरान शिवसेना (यूबीटी) और अन्य विपक्षी दलों ने ईवीएम का विरोध करते हुए विधायक पद की शपथ नहीं ली। इसके विपरीत, अबू आजमी ने विधायक पद की शपथ ली, जिससे उनकी शिवसेना (यूबीटी) के साथ बढ़ती दूरी साफ दिखी।