मुंबई। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी (अजीत) की ‘महायुति’ ने प्रचंड जीत हासिल की। अब, राज्य के अगले मुख्यमंत्री को लेकर चर्चा तेज है। सभी को इंतजार है कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में किसका नाम तय होता है। इसी बीच मंगलवार को महायुति के कई नेताओं ने आईएएनएस से बात करते हुए अपने-अपने पक्ष को रखा। भाजपा एमएलसी गोपीचंद पडलकर ने इसे भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का मामला कहकर टाल दिया। उन्होंने महाराष्ट्र के महायुति गठबंधन के तीनों दलों के नेताओं द्वारा इसे सहमति से डिसाइड करने की बात कही।
शिवसेना विधायक उदय सामंत मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए उठा-पटक की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहते हैं, “कोई असमंजस की स्थिति नहीं है। हमारी तीनों पार्टियों के नेता बहुत ही परिपक्व हैं। जल्दी ही इस मामले पर फैसला ले लिया जाएगा। सभी पार्टियों के हर एक कार्यकर्ता की यही इच्छा रहती है कि हमारा नेता बड़ा बन जाए। उसे बड़ा पद मिल जाए। हमारे कार्यकर्ताओं के मन में यही है कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनें।” शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने बताया,
“मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है, और यह एक सामान्य प्रक्रिया है। 26 नवंबर तक अगर नए मुख्यमंत्री के लिए चुनाव नहीं होते, तो मौजूदा मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा देना जरूरी हो जाता है। एकनाथ शिंदे के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया था। मुझे लगता है कि जिस चेहरे को लेकर चुनाव लड़ा गया था, उसकी मान्यता देवेंद्र फडणवीस ने भी दी थी। इस कारण, आने वाले समय में यह सही रहेगा कि वही मुख्यमंत्री बनें। यही हमारी और हमारे विधायकों की सोच है। इसी तरह, बीजेपी के विधायकों को भी लगता है कि देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनना चाहिए, जबकि अजीत पवार के विधायकों को लगता है कि अजित पवार को मुख्यमंत्री होना चाहिए। हालांकि, फैसला वरिष्ठ नेता ही करेंगे।”