Thursday, December 19, 2024

“हिंदू पलायन और मुस्लिम बहुलता के बीच, मंदिर को बचाए रखना बड़ी चुनौती”- लोकेश सैनी

 

 

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मुस्लिम बाहुल्य इलाके में एक मंदिर ऐसा भी है। जिसमें पूजा अर्चना करने के लिए हिंदू समाज के लोगो को तकरीबन 1 किलोमीटर दूर से चलकर सुबह शाम यहां पर आना पड़ता है।

 

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नगर कोतवाली क्षेत्र के मिमलाना रोड पर स्थित शंकरपुरी कॉलोनी में लगभग 40 से 50 साल पूर्व एक शिव मंदिर की स्थापना की गई थी। इस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी दिन पर दिन बढ़ने के चलते हिंदू समाज के लोगो को यहां से पलायन करना पड़ा था।

 

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इस दौरान बताया जाता है कि तकरीबन 10 साल तक यह मंदिर बंद रहा था। जिसके बाद शिवसेना के कार्यकर्ताओं द्वारा तकरीबन 15 साल पहले इस मंदिर को खुलवाकर यहां पूजा अर्चना शुरू की गई थी ।

 

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मुस्लिम बाहुल्य यह क्षेत्र होने के कारण यहां पर हिंदू समाज के लोगों को तकरीबन 1 किलोमीटर दूर से चलकर यहां पर सुबह शाम की पूजा अर्चना करने के लिए आना पड़ता है।

 

 

इस मंदिर में पूजा करने वाले लोगों का कहना है कि जब इस मंदिर को खुलवाया गया था तो बहुत सी समस्याओं का सामना भी करना पड़ा था क्योंकि यहां के मुस्लिम लोग मंदिर में आरती के समय घंटा बजाने को लेकर भी एतराज करते थे,ये ही नहीं जन्माष्टमी दिवाली पर जब मंदिर को सजाया जाता था तो झालरों को काटकर यहां के लोगों द्वारा नुकसान कर दिया जाता था लेकिन जब से बीजेपी की सरकार आई है तब से यहां पर किसी प्रकार की कोई समस्या सामने नहीं आई है लेकिन भविष्य को लेकर मंदिर में पूजा करने वाले हिंदू समाज के लोग चिंतित नजर आते हैं।

जबकि इस क्षेत्र में रहने वाले मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है कि जब से हम यहां रह रहे हैं इस गली को मंदिर वाली गली सुनते आ रहे हैं, यहां पर बहुत पुराना यह मंदिर है,मंदिर खुला हुआ है,पूजा पाठ किसी को करनी है तो वह जाकर मंदिर में कर लेता है,कोई रुकावट किसी प्रकार की यहाँ नहीं है।

इस मंदिर को खुलवाकर यहां पूजा अर्चना करने वाले शिवसेना के जिला उपाध्यक्ष रविंद्र सैनी का कहना है कि यह मंदिर करीबन 40 50 साल पुराना है और यहां सब हिंदू बस्ती थी,उसके साथ-साथ यहां मुस्लिम बढ़ते गए और हिंदू कम होते चले गए । एक टाइम वह आया यहां के मुस्लिम यहां सब आ गए और हिंदू यहां से चले गए, कुछ ना कुछ परेशानी के कारण हम यहां से करीबन आधा किलोमीटर दूर रहते हैं ।

हमें पता चला 10 साल 15 साल मंदिर बन्द रहा,उसके बाद हमें पता चला तो हमने फिर यह मंदिर खुलवाया , उसके बाद में करीबन 10 से 15 साल हो चुके,पूजा पाठ हम लोग करते हैं, यहां पर बीच में कुछ समस्याएं आई,यहां पर हमने झालर लगवाई,एक दो बार वह तोड़ दी गई , कुछ और भी उलझने बीच में हुई पर हम पार्टी से जुड़े हुए हैं ।शिवसेना से बीच में कुछ परेशानी के बाद में फिर आई,अब कोई दिक्कत नहीं है ।

यह शंकर पुरी कॉलोनी बोलते थे,मिमलाना रोड मंदिर वाली गली शंकरपुरी इसका नाम था,इस मंदिर के आसपास सब मुस्लिम है ,पूरी गली मुसलमानों की है, हिंदू कोई नहीं है,यहां पर पूजा पाठ करते 15 साल तो हमें हो गए जब से हमने खोला था मंदिर अब तो कोई दिक्कत वाली बात नहीं है ।

पहले बहुत परेशानी आई जब खोला था शुरू में दिक्कत हुई,दिवाली के टाइम सजावट करवाते हैं ,पूजा पाठ होती है ,हर त्यौहार पर,जन्माष्टमी हुई,दिवाली के बाद अन्नकुट का आता है उसपर भी भंडारा वगैरह होता है ।भोग लगाते हैं ।पूजा करने से अब कोई दिक्कत नहीं है पहले परेशानी हुई।

 

शिव सेना मंडल अध्यक्ष लोकेश सैनी ने बताया कि लगभग 40 50 साल पुराना यह मंदिर है और लगभग इस मंदिर के चारों तरफ जो हिंदू बाहुल्य क्षेत्र था यहां सभी आसपास हिंदू रहते थे मगर धीरे-धीरे करके यहां से हिंदू पलायन करते चले गए और मुस्लिम आबादी बढ़ती चली गई ।स्थिति आ गई कि मंदिर के चारों तरफ मुस्लिम आ गए और मंदिर के कपाट बंद हो गए ।लगभग 10 साल तक यह मंदिर बन्द रहा फिर हम लोगों को सूचना लगी तो हमारे स्थानीय यहां इस क्षेत्र के शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने इस मंदिर को खोला और लगातार लगभग 10 सालों से इस मंदिर में पूजा पाठ की जाती है और लगातार महादेव के जितने भी तीज त्यौहार आते हैं सभी पर यहां पूजा पाठ होती है,मगर जब यह मंदिर 10 साल बाद खोलने के बाद बंद करने के बाद खुला था उसे दौरान यहां के कुछ स्थानीय मुसलमानों ने यहां जो झालर लगाई जन्माष्टमी पर उसको तोड़ दी गई शिवरात्रि पर पूजन किया गया तो दिक्कतें पैदा करी,घंटा घड़ियाल बजाने के लिए मना करा गया मगर लगातार हम लोगों को संगठन से जुड़ने का यह फायदा था हम लोग जब कोई छोटी-मोटी घटना होती थी हम लोग तुरंत यहां पहुंच जाते थे 10 20 लोग प्रशासन को साथ में लेकर तो यहां एक थोड़ा सा मुस्लिम समाज के लोगों पर इसका प्रभाव पड़ा और अब जाकर के ऐसा माहौल है जो कुछ खासकर जब से योगी जी की सरकार आई है ,फिलहाल यह लोग शांत हैं । उन्होंने कहा कि अब जो स्थानीय लोग पूजा करने आते हैं हमारे माताएं बहने हैं हमारे साथी हैं यह यहां से एक दो किलोमीटर दूर से पूजा करने आते हैं मातृशक्ति आती हैं मगर उनके मन में एक ऐसा भय रहता है कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है इनके ऊपर टोनटिंगबाजी भी करते हैं कुछ आपत्तिजनक बातें भी करते हैं ।

इस क्षेत्र के रहने वाले एक बुजुर्ग नफीस अहमद ने बताया कि यह मिमलाना रोड मोहल्ला है,हम तो यह मंदिर वाली गली सुनते आ रहे हैं ,बहुत पुराना मंदिर है ,ना कोई विवाद है ना कोई दिक्कत है ,मंदिर खुला हुआ है ,पूजा पाठ किसी को करनी है ,वह जाकर के मंदिर में कर लेता है ,कोई रुकावट नहीं है किसी किस्म की ।

हां यह मुस्लिम बहुल इलाका है लेकिन किसी किस्म की कोई दिक्कत परेशानी नहीं है यहां कोई दिक्कत नहीं है,अपने आप वह पूजा पाठ करते हैं यहां कोई दिक्कत नहीं है कोई रोक-टोक नहीं है,ना पहले कुछ हुआ ,ना किसी को कोई मतलब है ,जिसका धार्मिक स्थल है ,जिसको अधिकार दिया है,कानून और धर्म का आधार पर वह उसे अपना उसे कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

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