Monday, December 23, 2024

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान बड़ा हादसा, दो बच्चों समेत सात की मौत, कम से कम 27 घायल

अगरतला। त्रिपुरा में उल्टा रथ यात्रा के दौरान बुधवार को एक दिल दहला देने वाली घटना देखने को मिली। इस्कॉन का रथ 33 केवी बिजली लाइन के संपर्क में आने से दो बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई। इनमें पिता-पुत्र भी शामिल हैं। कम से कम 27 लोग घायल हुए हैं। उनमें से छह की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें अगरतला के जीबी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। घटना की खबर मिलने के बाद मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा जमीन पर स्थिति का निरीक्षण करने के लिए ट्रेन से कुमारघाट के लिए रवाना हो चुके हैं। त्रिपुरा सरकार ने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। राज्य सरकार ने घायलों के इलाज के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी हादसे पर दुख जताते हुए मुआवजे की घोषणा की है।

माटवाड़ा त्रिपुरा के लोग इतनी मार्मिक घटना के साक्षी बनेंगे, शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। पूरे त्रिपुरा में बुधवार सुबह से ही बारिश हो रही है। भगवान जगन्नाथ की घर लौटने की बारी थी। हमेशा की तरह, त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में उल्टा रथ का आयोजन किया गया था। यह पहली बार है कि इस्कॉन ने कुमारघाट में बड़े पैमाने पर रथ यात्रा का आयोजन किया था। स्वाभाविक रूप से, उल्टा रथ यात्रा को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

इस्कॉन के रथ का शीर्ष लोहे के पाइपों से बना हुआ था। इसी प्रकार रथ के किनारे और सीढ़ियां भी लोहे के पाइपों से बनी थीं। इस्कॉन ने रथ को बहुत मजबूत बनाया था। इसे इसलिए मजबूत बनाया गया था ताकि कई तीर्थयात्री उस रथ में आसानी से जा सके।

बुधवार को भारी बारिश के बाद इस्कॉन के संत और भक्त उल्टा रथ लेकर निकले। आगे-पीछे सम्माननीय लोगों की बड़ी भीड़ थी। लौटने के क्रम में वह रथ कुमारघाट प्रखंड के चौमुहानी इलाके में 33 केवी बिजली लाइन के संपर्क में आ गया। तार से छूते ही रथ की सीढ़ियों पर खड़े श्रद्धालुओं को करंट लग गया। देखते ही देखते आग लग गई। दो बच्चों समेत छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहां मौजूद लोगों की चीख-पुकार से चारों तरफ अफरा-तफरी मच गयी। अपनी आंखों के सामने जलने का मंजर देख लोगों की आंखों से आंसू छलक पड़े।

खबर मिलते ही इलाके में बिजली आपूर्ति काट दी गई, लेकिन इससे पहले छह लोगों की मौत हो गई और करीब 27 लोग गंभीर रूप से झुलस गए। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग बुझाया। इसके बाद दमकलकर्मियों ने सभी को बचाकर अस्पताल पहुंचाया। उस घटना में सीमा पाल (33), सुष्मिता वैश्य (30), रूपक दास (40), सोमा विश्वास (28), रोहन दास (9), शान मालाकार (9) की मौत हो गई। इनमें रूपक दास और रोहन दास पिता-पुत्र हैं।

इस बीच, घायलों में से 9 को उन्नकोटी जिला अस्पताल और 18 को कुमारघाट उपमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिला अस्पताल के डॉक्टर के अनुसार, उनमें से छह को उन्नकोटी जिला अस्पताल से अगरतला के जीबी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है।

उन्नकोटी भाजपा के जिला सचिव दीपांकर गोस्वामी ने कहा कि यह पहली बार है कि इस्कॉन अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर कुमारघाट में रथ का आयोजन किया था। लेकिन रथ को ब्लॉक चौमुहानी से होकर जाने का समय निर्धारित नहीं था। उन्होंने दावा किया कि सरकार इस बात की जांच कराएगी कि किसके आदेश पर रथ का मार्ग बदला गया।

इस घटना पर बिजली मंत्री ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा कि कुमारघाट में उल्टा रथ को खींचने के दौरान करंट लगने से कई तीर्थयात्रियों की जान चली गई। कई अन्य घायल हो गये। इस घटना से मुझे गहरा दुख हुआ है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि त्रिपुरा सरकार इस कठिन समय में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा सरकार और विद्युत निगम हर तरह से घायलों और मृतकों के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि चूंकि वह विभागीय काम से त्रिपुरा से बाहर थे, इसलिए घटना के बारे में सुनने के बाद उन्होंने स्थानीय विधायक भगवान चंद्र दास और कुमारघाट पावर कॉर्पोरेशन के डीजीएम से बात की। मंत्री ने डीजीएम को यह भी निर्देश दिया कि वह इसकी जांच कर जल्द से जल्द राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपे कि यह दुखद घटना कैसे घटी।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट कर कहा कि उल्टा रथयात्रा के दौरान कुमारघाट पर हुआ हादसा दुखद है। इस दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों के प्रति वे संवेदना व्यक्त करते हैं। साथ ही कामना करते हैं कि घायल शीघ्र स्वस्थ हों। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा है। उन्होंने घोषणा की कि जान गंवाने वालों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार का मुआवजा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर दुख जताते हुए कहा कि आज कुमारघाट पर उल्टा रथ यात्रा को खींचने के दौरान करंट लगने से कई श्रद्धालुओं की जान चली गयी और कई अन्य घायल हो गये। इस घटना से मुझे गहरा दुख हुआ है। शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना। साथ ही, मैं घायल व्यक्तियों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन समय में त्रिपुरा सरकार उनके साथ खड़ी है। इस बीच, परिवहन मंत्री और कैबिनेट के अन्य सदस्यों ने भी घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

घटना के बाद मंत्री टिंकू रॉय, उन्नकोटी के जिला मजिस्ट्रेट, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी जिला अस्पताल पहुंचे। मुख्यमंत्री माणिक साहा ट्रेन से कुमारघाट के लिए रवाना हो गये हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य जीबी अस्पताल में स्थानांतरित मरीजों के इलाज की व्यवस्था को सुनिश्चित करने लिए पहुंचे हैं।

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