ग्रेटर नोएडा । सफाई कर्मियों की हड़ताल से सीख लेते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने क्विक रिस्पांस टीम ( क्यूआरटी ) बनाने का फैसला किया है। हड़ताल या किसी अन्य विपरीत परिस्थितियों में यह टीम साफ-सफाई व्यवस्था को संभालेगी और खाली समय में उन जगहों की सफाई करेगी, जो वर्तमान समय में अछूते रह गए हैं। इसके साथ ही प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा के प्रमुख बाजारों व सार्वजनिक जगहों पर रात में भी सफाई (नाइट स्वीपिंग) कराने का निर्णय लिया है।
कॉन्ट्रैक्टरों के अधीन सफाईकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से ग्रेटर नोएडा की सफाई व्यवस्था पर असर पड़ा है। कई दौर की वार्ता और अधिकांश मांगें मानने के बावजूद सफाईकर्मी हड़ताल की जिद पर अडे़ हैं। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर कॉन्ट्रैक्टरों ने अस्थायी सफाई कर्मियों की तैनाती कर सफाई व्यवस्था को संभाल लिया है, फिर भी भविष्य में इस तरह की परिस्थिति सामने आने पर सफाई व्यवस्था पर असर न पडे़, इसके लिए सीईओ ने क्विक रिस्पांस टीम का गठन करने का निर्णय लिया है। इस टीम में कॉन्ट्रैक्टरों के अधीन 300 सफाईकर्मी होंगे। ये स्वास्थ्य निरीक्षकों की निगरानी में सफाई व्यवस्था की कमान संभालेंगे। खाली समय में ये सफाईकर्मी उन जगहों की सफाई करेंगे जो किसी कारणवश मौजूदा मैनुअल स्वीपिंग व्यवस्था से अछूते रह गए हैं। प्राधिकरण ने एक और अहम फैसला लिया है, अब ग्रेटर नोएडा के बाजारों व प्रमुख सार्वजनिक स्थलों की रात में भी सफाई कराई जाएगी, जहां पर पब्लिक का आवागमन अधिक होता है। खासकर जगत फार्म, रामपुर मार्केट, तुगलपुर जैसे जगहों को इनमें शामिल किया गया है। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा में ऐसे कई जगह हैं जहां पर कूड़े का ढेर लगा रहता है। ये सड़क से आते-जाते दिखते हैं। प्राधिकरण इन जगहों की सफाई कराकर सुंदरीकरण कराना चाह रहा है। इनको घूम-टहल के हिसाब से विकसित करना चाह रहा है। यहां बेंच लग जाएंगी। लोग यहां बैठकर गपशप कर सकेंगे। सीईओ ने इन निर्देशों पर शीघ्र अमल करने के निर्देश दिए हैं।