Monday, May 6, 2024

मनमोहन सिंह ने संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का बताया था और दिया भी- सुधांशु त्रिवेदी

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नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के ‘देश के संसाधनों पर मुसलमानों के पहले अधिकार’ वाले बयान को गलत बताते हुए यह दावा किया था, “पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने ऐसा कभी नहीं कहा।

 

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उन्होंने हमेशा कहा कि जो सबसे पिछड़ी लाइन में खड़े हैं, जो सबसे ज्यादा पिछड़े लोग हैं, उनका हक देश के संसाधनों पर है। निश्चित तौर पर भारत का मुसलमान सबसे पिछड़ा है। इसमें किसी को कोई ऐतराज नहीं हो सकता है। अगर पिछड़े लोगों को आगे नहीं लाया जाएगा तो देश कभी भी मजबूत नहीं हो सकता है।”

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस नेता राशिद अल्वी के बयान को पूरी तरह से गलत बताते हुए कहा कि कहिए तो वह स्पीकर पर सुनवाएं (मनमोहन सिंह के भाषण को)। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों का बताया था और कांग्रेस की सरकारों ने ऐसा किया भी।

 

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि देश में सरकारी विभागों के अलावा सबसे ज्यादा जमीन वफ्फ बोर्ड के पास है। उन्होंने (कांग्रेस सरकारों ने) किस और अल्पसंख्यक समुदाय को इतने बड़े पैमाने पर जमीन दी है। उन्होंने कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया। उत्तर प्रदेश में 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भी यह वादा किया था। शत्रु संपत्ति एक्ट में भी जमीन मुसलमानों को दे रहे थे।

 

उन्होंने आरोप लगाया कि जामिया मिलिया इस्लामिया और एएमयू में एससी, एसटी और ओबीसी का सारा आरक्षण समाप्त कर मुसलमानों को दे दिया था। जम्मू कश्मीर को मुस्लिम डोमिनेटेड वाला राज्य बताकर वहां एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को आरक्षण तक नहीं दिया था। कांग्रेस ने इस बार के अपने घोषणा पत्र में लिखा है कि एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण इसलिए बढ़ाया जाए क्योंकि विशेष समुदाय को देना है।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वह मनमोहन सिंह और कांग्रेस की मंशा के बारे में ऐसे ही नहीं बोल रहे हैं और कांग्रेस अब कितनी भी सफाई दे, लेकिन, मनमोहन सिंह ने जो कहा था, वो सबके सामने है और कांग्रेस की सरकारों ने मुसलमानों को बढ़ावा देने के लिए जो-जो किया, वो भी देश ने देखा है, सब कुछ लिखा हुआ है इसलिए उन्होंने आधा दर्जन उदाहरण दे दिए हैं।

 

 

बता दें कि कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने पार्टी नेताओं द्वारा कांग्रेस छोड़ने को चिंताजनक बताते हुए यह भी कहा था, “जिस तरह से कांग्रेस के नेता पार्टी का साथ छोड़कर जा रहे हैं, यह एक गंभीर मामला है। इस पर कांग्रेस हाईकमान को विचार करना चाहिए। किसी भी राजनीतिक दल के अंदर छोटा सा वर्कर भी छोड़कर जाता है, तो इसका असर पार्टी पर पड़ता है। कांग्रेस के बड़े नेता जो पार्टी छोड़कर चले गए हैं, उस पर विचार करने की जरूरत है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?”

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