नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन और दो ओलंपिक मेडल के साथ बुधवार को स्वदेश लौटी मनु भाकर का दिल्ली एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत हुआ। जैसे ही मनु एयरपोर्ट से बाहर निकली उनके माता-पिता ने उन्हें गले लगाकर उनका माथा चूम लिया। मनु के साथ उनके कोच जसपाल राणा का भी सभी ने जोरदार स्वागत किया।
मनु भाकर के एयरपोर्ट पर स्वागत के लिए उनके माता-पिता, परिवार के सदस्यों के साथ दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड के लोग भी पहुंचे। मनु भाकर के एयरपोर्ट पहुंचने से पहले टर्मिनल-3 भारत माता के जयकारों से गूंज उठा। मनु भाकर के कोच जसपाल राणा मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं और मनु भाकर की जीत में उनका बड़ा योगदान है। इसलिए न सिर्फ मनु भाकर के लिए बल्कि उनके कोच जसपाल राणा के लिए भी समर्थकों में उत्साह दिखा। इस मौके पर कोच जसपाल राणा के पिता नारायण राणा भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि एक ओलंपिक में दो पदक जीतकर मनु ने इतिहास रचा है। हमें बहुत खुशी है।
निशानेबाजी के लिए यह ऐतिहासिक पल है और भविष्य में इससे भी ज्यादा पदक की उम्मीद होगी। सबका ध्यान इस खेल की ओर आया है और भविष्य में खिलाड़ी और बेहतर प्रदर्शन करेंगे। एयरपोर्ट पर मौजूद मनु भाकर के पिता ने कहा, “मुझे बहुत खुशी और गर्व है कि मनु ने ओलंपिक में भारत का मान बढ़ाया।” भारत की मनु भाकर ने पेरिस में दोहरी जीत से पहले निशानेबाजी दल का 12 साल का सूखा समाप्त किया। युवा भारतीय निशानेबाज मनु भाकर बुधवार सुबह भारत पहुंचीं। नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया, जहां बड़ी संख्या में प्रशंसक ओलंपिक पदक विजेता का स्वागत करने के लिए उमड़ पड़े।
न सिर्फ उन्होंने शूटिंग में भारत का सूखा खत्म किया, बल्कि पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर भारत को पहला पदक दिलाया तथा 10 मीटर मिश्रित टीम एयर पिस्टल स्पर्धा में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर एक और कांस्य पदक जीतकर इसे दोगुना कर दिया। 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में उन्हें चौथे स्थान पर ही संतोष करना पड़ा, जिससे उनका ओलंपिक अभियान रिकॉर्ड दो पदकों के साथ समाप्त हुआ। मनु पेरिस ओलिंपिक की क्लोजिंग सेरेमनी में भारत की ध्वजवाहक होंगी। मनु रविवार को होने वाले क्लोजिंग सेरेमनी के लिए वापस पेरिस जाएंगी।