नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने अवमानना याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से आज पेश वकील ने इस मामले को मेंशन करते हुए कहा कि निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस के खिलाफ मानहानि करने वाले बयान दिए हैं। ये बयान वक्फ मामले और राष्ट्रपति और राज्यपाल को निर्देश देने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद दिए गए हैं। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। निशिकांत दुबे ने कहा कि देश में गृहयुद्ध की स्थिति के लिए चीफ जस्टिस जिम्मेदार हैं।
इस बयान के वायरल होने के बाद लोग सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप टिप्पणी कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने निशिकांत पर कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के लिए अटार्नी जनलर और सॉलिसिटर जनरल को लिखा था, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इस पर सरकार भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उसके बाद जस्टिस गवई ने इस याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट के वकील ब्रजेश सिंह ने अटार्नी से निशिकांत दूबे और पश्चिम बंगाल से भाजपा विधायक अंगमित्रा पॉल के खिलाफ भी अवमानना की कार्रवाई चलाने की मांग करते हुए अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी को पत्र लिखा है। 21 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले को जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन किया गया था।
तब जस्टिस गवई ने वकील से पूछा था कि आप क्या चाहते हैं। तब वकील ने कहा था कि हम निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना का मामला चलाने की मांग करते हैं। तब कोर्ट ने कहा था कि इसके लिए प्रक्रिया निर्धारित है। कोर्ट से पूछने की क्या जरूरत है, अटार्नी जनरल से सहमति की जरूरत होती है।