नई दिल्ली। करवा चौथ का त्योहार देशभर में रविवार को पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के एक अनुमान के अनुसार इस वर्ष करवा चौथ पर 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार हुआ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 30 फीसदी से अधिक है।
कैट ने जारी एक बयान में कहा कि इस त्यौहारी सीजन में दिवाली के अवसर पर देशभर में 4.25 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान है। करवा चौथ पर व्यापार इसी त्योहारी श्रृंखला का हिस्सा है। कारोबारी संगठन के मुताबिक इस खास मौके पर बाजारों में जबरदस्त रौनक़ देखने को मिली। कपड़े, ज्वैलरी, मेकअप, पूजा सामग्री, और उपहारों की जमकर खरीदारी की गई। वहीं, पिछले दी दिनों में ज्वैलरी एवं चांदी के भी गिफ्ट आइटम्स खरीदने पर ज़ोर रहा, जिससे देशभर में व्यापारियों को बड़ा फायदा हुआ है।
बड़ी संख्या में पुरुषों ने भी रखा करवा चौथ का व्रत
आमतौर पर करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इस बार करवा चौथ के व्रत को लेकर एक खास बात यह रही कि बड़ी संख्या में पुरुषों ने भी अपनी पत्नियों की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए व्रत रखा। यह परंपरा अब सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि पुरुषों ने भी इस पर्व का महत्व समझते हुए अपनी भागीदारी निभाई। खासकर युवा पीढ़ी में इस व्रत को लेकर अधिक उत्साह देखने को मिला है। युवाओं ने इस मामले में अपने बड़े-बुजुर्गों को भी पीछे छोड़ दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आधुनिक पीढ़ी भी अपनी परंपराओं से जुड़े रहने का महत्व समझती है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल भी पिछले 20 वर्षों से ज्यादा समय से करवा चौथ का व्रत रखते आ रहे हैं। देशभर में बड़ी संख्या में उन्होंने व्यापारियों को यह व्रत रखने का लगातार आग्रह भी करते रहे हैं। इस बारे में खंडेलवाल ने कहा कि मैं 20 वर्षों से अधिक समय से मैं अपनी पत्नी के साथ करवा चौथ का व्रत रखता हूं। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य न केवल उनके लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना करना है, बल्कि परिवार की खुशहाली, समृद्धि और आपसी सहयोग को भी बढ़ावा देना है।
खंडेलवाल ने कहा कि इससे समानता और सम्मान को बढ़ावा मिलता है। वहीं, स्वास्थ्य और आत्म-नियंत्रण भी मज़बूत होता है, पारिवारिक एकता को भी बल मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि जब पति और पत्नी दोनों मिलकर किसी धार्मिक अनुष्ठान का पालन करते हैं, तो इसका सकारात्मक प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा, “मेरा यह विश्वास है कि इस तरह के सांस्कृतिक और धार्मिक अनुष्ठानों में पुरुषों की भागीदारी से समाज में समानता और आपसी समझ को बढ़ावा मिलेगा। करवा चौथ का व्रत रखने से न केवल पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है, बल्कि समाज को एक नया संदेश मिलता है कि प्रेम, सम्मान और परिवार की भलाई के लिए दोनों का समान योगदान होना चाहिए।”