Tuesday, September 17, 2024

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता का छलका दर्द, बहू पर लगाए गंभीर आरोप,कहा-बेटा शहीद हो गया, सब कुछ बहू लेकर चली गई

नई दिल्ली। सियाचिन में पिछले साल 19 जुलाई को साथियों को बचाते हुए कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए, जिसके बाद उन्हें हाल ही में राष्ट्रपति ने कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था। लेकिन, अब शहीद के माता-पिता का बयान आया है।

 

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शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के माता पिता ने अपनी बहू पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पांच महीने की शादी थी। बेटा शहीद हो गया और बहू कीर्ति चक्र लेकर मायके चली गई हमारे पास क्या बचा? ऐसे बहुत केस आ रहे हैं. बहुएं भाग जा रही हैं। उनके हाथ में सम्मान नहीं देना चाहिए,‘ना तो बहु मेरे पास है और ना बेटा… और ना वह सम्मान (कीर्ति चक्र), जिसे हाथ पर रखकर कम से कम देख सकूं या फोटो खींच संकू. हमारे यूपी और बिहार की बहुएं ऐसी नहीं होती हैं, वह हमारे साथ रहती हैं…’ ये कहना है कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद अंशुमन सिंह के माता-पिता का. पांच जुलाई को कैप्टन शहीद अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। शहीद अंशुमन की मां और उनकी पत्नी यह सम्मान लेने राष्ट्रपति भवन आई थीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। साथ में उनके साथ अंशुमन की मां खड़ी थीं। वहीं, अब अंशुमन सिंह के माता पिता ने बहू पर गंभीर आरोप लगाया गया है।

 

अंशुमान सिंह की मां मंजू सिंह ने कहा कि पांच महीने की शादी थी। बेटा शहीद हो गया और बहू कीर्ति चक्र लेकर मायके चली गई. हमारे पास क्या बचा? ऐसे बहुत केस आ रहे हैं। बहुएं भाग जा रही हैं. उनके हाथ में सम्मान नहीं देना चाहिए। राहुल जी ने कहा है वो राजनाथ जी से बात करेंगे। वहीं, शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह ने भी कहा कि बहू कीर्ति चक्र भी ले गई यहां बस बेटे की तस्वीर बची है। कैप्टन अंशुमन सिंह के माता पिता का कहना है कि सरकार एक बार NOK के मुद्दे पर विचार करे क्योंकि बहुएं चली जाती हैं सब कुछ लेकर ऐसा बहुत जगहों पर हुआ है।

 

उन्होंने आगे कहा कि मेरी बेटी लखनऊ तक छोड़ने आई फिर लखनऊ से मेरी बहू फ्लाइट से दिल्ली चली गई. नोएडा घर पर अपना सारा सामान पैक किया जबकि मेरे बेटे का कपड़ा, सामान टाई-बेल्ट एक झोली में पैक कर दी। फिर बहू नोएडा से पठानकोट चली गई। जब हम लोग जाकर देखे तो बहुत दुख हुआ क्योंकि मेरे बेटे का सारा सामान झोले में था। फिर हम लोग लगातार बात करने की कोशिश करते थे, फोन करते थे. कई बार जब फोन करते थे तो बहू फोन उठाती थी फिर थोड़ी देर बातचीत करने के बाद रख देती थी।

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता के इन आरोपों पर अभी तक पत्नी स्मृति की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. एबीपी न्यूज ने जब उनसे बातचीत करने की कोशिश पर उन्होंने फोन नहीं उठाया। बताया जा रहा है कि वो वह अपने पिता के घर गुरदासपुर जा चुकी हैं।

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