शिमला। हिमाचल प्रदेश में सर्दियों के मौसम में अग्निकांड की घटनाएं कोहराम मचाने लगी हैं। शिमला जिला के रोहड़ू उपमण्डल के स्मरकोट इलाके के सेरी गांव में भीषण अग्निकांड हुआ है। इस घटना में चार घर राख हो गए। सोमवार तड़के करीब चार बजे गांव के एक घर में आग लग गई। आसमान चूमती लपटों ने देखते ही देखते साथ लगते घरों को जलाकर राख कर दिया। घरों की रसोई में रखे सिलेंडरों के ब्लास्ट होने से आग और भड़क गई।
आग से कपड़े, बिस्तर, बर्तन, खाद्यान्न समेत गृहस्थी का सारा सामान भी राख हो गया। लकड़ी के बने घरों से उठती आसमान चूमती लपटें देख पूरे गांव में हाहाकार मच गया। घरों में मौजूद लोगों ने भागकर जान बचाई। आग की जद में आये घरों के बगल के एक घर में शादी का आयोजन चल रहा था। आग ने पशुशालाओं को भी अपने आगोश में ले लिया। इस घटना में एक गाय की जिंदा जलने से मौत हो गई। घंटों जूझने के बाद दमकल कर्मी आग पर काबू पा सके। दमकल की चार गाड़ियों को आग बुझाने में करीब साढ़े तीन घण्टे लग गए। रोहड़ू से दो और चिडग़ांव व जुब्बल से एक-एक दमकल वाहन ने आग पर काबू पाकर पूरे गांव को खाक होने से बचाया। आग में सब कुछ गंवा देने से कई परिवार अब खुले आसमान के नीचे आ गए हैं। आग लगने की वजह शार्ट सर्किट मानी जा रही है।
प्रभावितों में कैलाश पुत्र शिव सरण, मोहन लाल पुत्र सोहन लाल और दो अन्य शामिल हैं।
रोहड़ू के फायर ऑफिसर संजीव वर्मा ने बताया कि आग बुझाने के लिए तीन दमकल केंद्रों से चार दमकल वाहन बुलाए गए और आग को नियंत्रित कर लिया गया है।
रोहड़ू के डीएसपी रविन्द्र नेगी ने बताया कि अग्निकांड की इस घटना में चार घर पूरी तरह से राख हुए हैं। हालांकि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। पशुशाला में बंधी एक गाय की भी जिंदा जलने से मौत हुई है। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।
उधर रोहड़ू के तहसीलदार के मुताबिक नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। बेघर हुए परिवारों के रहने की व्यवस्था की जाएगी और उन्हें उचित राहत राशि प्रदान की जाएगी।