बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने देश में मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में मुसलमान पूरी आज़ादी के साथ अपने धार्मिक त्योहार, नमाज़, रोज़ा, हज, ज़कात, जुलूस और उर्स मना रहे हैं। उन्होंने इस दावे को खारिज किया कि देश में मुसलमान असुरक्षित हैं। मौलाना ने कहा, “कोई भी व्यक्ति या सरकार मुस्लिम धार्मिक कार्यक्रमों में बाधा नहीं डालती। यह कहना कि मुसलमान सुरक्षित नहीं हैं, गुमराह करने वाली और अफवाह फैलाने वाली बात है।” मौलाना शहाबुद्दीन ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन के फैसले की भी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि रमजान का महीना इबादत के लिए होता है, न कि धरना-प्रदर्शन के लिए। उन्होंने कहा, “धरना-प्रदर्शन करना संवैधानिक अधिकार है, लेकिन रमजान के पवित्र महीने में ऐसा करना गलत है। यह लोगों को धार्मिक कार्यों से रोककर राजनीतिक काम में लगाने जैसा है। साल के 11 महीने में कभी भी प्रदर्शन किया जा सकता था, रमजान में ही क्यों?” मौलाना ने सुझाव दिया कि जो लोग भारत में मुसलमानों को असुरक्षित बता रहे हैं, उन्हें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश भेजकर वहां की स्थिति देखने का मौका दिया जाना चाहिए।
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उन्होंने कहा, “जब वे वहां की वास्तविक स्थिति देखेंगे, तो भारत लौटकर खुद कहेंगे कि भारतीय मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित हैं।” मौलाना ने अपील की कि रमजान के महीने में मुसलमानों को सिर्फ इबादत पर ध्यान देना चाहिए और राजनीतिक प्रदर्शनों से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म और राजनीति को मिलाना सही नहीं है, खासकर जब बात रमजान जैसे पवित्र महीने की हो।