लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने राज्य में होने वाले नगर निकाय चुनाव के ऐलान का स्वागत किया और उन्होंने यह चुनाव ईवीएम से न कराकर बैलेट पेपर से कराने की अपील भी की है। साथ ही कहा कि नगर निकाय चुनाव में अतीक या उसके परिवार के किसी सदस्य को मेयर का टिकट नहीं देगी।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बसपा इन चुनाव में पूरी तैयारी और दमदारी से लड़ेगी।
कहा कि निकाय चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। बल्कि इस चुनाव को बैलेट पेपर से कराया जाना चाहिए। मायावती ने कहा कि बसपा आज एकमात्र ऐसा दल है, जो इस वर्ग की आवाज उठाता है। क्योंकि इस वर्ग के लोगों के लिए कांशीराम ने पूरी जिंदगी दे दी। इस चुनाव में सीट आरक्षण को तय करने के दौरान नियमों को ताक पर रखा गया है। दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को सही ढंग से आरक्षण सीटों का हक नहीं मिला। बीजेपी यहां पर भी अपना स्वार्थ साध रही है।
उन्होंने कहा कि प्रयागराज में हुई उमेश पाल की हत्या को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं और इस घटना में अतीक की पत्नी का नाम आते ही व उसके फरार होने पर स्थिति बदल गई है। ऐसी स्थिति में हमारी पार्टी न अतीक की पत्नी और न ही उनके परिवार के किसी भी सदस्य को मेयर का टिकट देगी। हालांकि शाइस्ता को पार्टी की सदस्यता खत्म करने की बात पर मायावती ने साफ किया है कि इस संबंध में जैसे ही वह गिरफ्तार होंगी और जो भी तथ्य आगे आएंगे, उस आधार पर फैसला किया जाएगा।
ज्ञात हो कि कयास लगाए जा रहे थे कि बसपा अतीक अहमद की पत्नी या फिर उसके भाई अशरफ की पत्नी को प्रयागराज के मेयर पद का चुनाव लड़ा सकती है पर मायावती ने टिकट देने से इनकार कर दिया।
मायावती ने कहा,नगर निकाय का चुनाव फ्री एंड फीयर लेस कराया जाए। लंबे इंतजार के बाद निकाय चुनाव कराए जा रहे हैं। यूपी में बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है। गरीबों, पिछड़ों के लिए हमारी पार्टी का सत्ता में आना आवश्यक है। विरोधी पार्टियों के लोग सपा राज की तरह ही इस चुनाव की चुनौती पूर्ण लेकर हर तरह का हथकंडा अपनाने में लगे हैं।
उन्होंने कहा, पसमांदा मुसलमानों को ये लोग साधने में लगे हुए हैं। भाजपा सरकार में वे इतना ही असुरक्षित महसूस करते हैं, जितना वो कांग्रेस के राज में करते थे। दलित, आदिवासी जैसा अति पिछड़ा समाज ही पसमांदा नहीं बना हुआ है। बल्कि पूरा समाज ही पसमांदा बन गया है। लोगों को बसपा पर भरोसा करके, भाजपा के मिथ्या प्रचारों से दूर होते हुए, हमारी पार्टी को कामयाब बनाना है।