वाराणसी। पाठ्यक्रमों में बदलाव के विरोध में सोमवार को साझा संस्कृति मंच और शिक्षा का अधिकार अभियान से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सम्बोधित अपनी मांगों का ज्ञापन भी जिलाधिकारी के प्रतिनिधि अफसर को सौंपा।
प्रदर्शन में शामिल सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बिहार के नालंदा जिले में उपद्रवी तत्वों द्वारा मदरसे को जलाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
प्रदर्शन में शामिल वक्ताओं ने कहा कि इतिहास और साहित्य दोनों विद्यार्थी के व्यक्तित्व के निर्माण के लिए आवश्यक हैं। इसमें अनावश्यक परिवर्तन से युवा दिग्भ्रमित होंगे। महाकवि सूर्यकांत निराला को पाठ्यक्रम से हटाकर गुलशन नंदा और मधुशाला पढ़ाने के पीछे शिक्षाविदों का क्या मंतव्य है, यह समझ के परे है। प्रदर्शन में फादर आनंद, डॉ आरिफ, सतीश सिंह, महेंद्र राठौर, मनोज यादव, धनंजय, वल्लभ, इंदु, विकास सिंह,अनूप श्रमिक आदि शामिल रहे।