लखनऊ- मुंबई में विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए की बैठक से एक दिन पहले बुधवार को बसपा प्रमुख मायावती ने बड़ा ऐलान किया। मायावती ने कहा कि बसपा विधानसभा और लोकसभा के आगामी सभी चुनाव अकेले लड़ेगी। पार्टी किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होगी।
मायावती ने ट्विटर पर लिखा, एनडीए और आईएनडीआईए गठबंधन गरीब विरोधी, जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक एवं पूंजीवादी नीतियों के समर्थक हैं। इन नीतियों के विरुद्ध बसपा अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने मीडिया से अपील की कि इस संदर्भ में कृपया गलत खबरें न चलाएं।
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार समेत आईएनडीआईए गठबंधन के कई नेता जोरशोर से यह दावा कर रहे थे कि मुंबई बैठक में चार नए दल भी शामिल होंगे। उनके इस दावे से यह कयास लगाए जा रहे थे कि इन चार दलों में एक बसपा भी होगी। हालांकि अब मायावती के बयान से यह साफ हो गया है कि बसपा इस गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी।
मायावती ने एक अन्य ट्वीट में लिखा- वैसे तो बसपा से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर हैं, किंतु ऐसा न करने पर विपक्षी दलों के नेता खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं। इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर, न मिलें तो भाजपाई। यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वर्ना अंगूर खट्टे हैं की कहावत जैसी है।
उन्होंने आगे लिखा कि बीएसपी, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनकेे गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी। मीडिया बार-बार भ्रान्तियां न फैलाए।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, बीएसपी से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, इससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे।