Wednesday, April 9, 2025

दिल्ली में अब 16 फरवरी को नहीं होगा मेयर का चुनाव, सुप्रीम कोर्ट 17 फरवरी को करेगा सुनवाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि दिल्ली के मेयर चुनाव में मनोनीत पार्षदों को वोट देने का अधिकार नहीं दिया जा सकता है। आज इस मामले पर समय की कमी की वजह से सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई 17 फरवरी को करने का आदेश दिया।

केंद्र ने कोर्ट को भरोसा दिया कि 16 फरवरी को प्रस्तावित दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव नहीं होगा। चुनाव 17 फरवरी के बाद होंगे। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के मेयर के चुनाव में मनोनीत सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं दिया जा सकता है। इस संबंध में कानून काफी स्पष्ट है।

कोर्ट ने 8 फरवरी को उप-राज्यपाल, दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम के आयुक्त और प्रोटेम स्पीकर सत्या शर्मा को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि नियुक्त प्रोटेम स्पीकर सत्य शर्मा सीनियर नहीं है।

उन्होंने कहा था कि हमारी 5 मांगे हैं। पहला कि सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी के पद से हटाया जाए। दूसरा कि एक हफ्ते के अंदर दिल्ली नगर निगम का सदन बुलाया जाए। तीसरा कि मेयर चुनाव पूरा होने तक सदन का कोई स्थगन न हो। चौथा कि डिप्टी मेयर और अन्य सदस्यों के चुनाव मेयर की अध्यक्षता में ही कराया जाए। पांचवां कि मनोनीत पार्षदों को वोट देने का अधिकार न दिया जाए।

आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि प्रोटेम स्पीकर मेयर के चुनाव में मनोनीत सदस्यों से भी वोटिंग करा रहे हैं। चुनाव के दो महीने बीत गए हैं और अभी तक मेयर का चुनाव नहीं हुआ है। ये लोकतंत्र की हत्या है।

दिल्ली नगर निगम के मेयर के चुनाव के लिए तीसरी बार 6 फरवरी को बैठक बुलाई गई थी लेकिन 6 फरवरी को भी चुनाव नहीं हो सका, जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,432FansLike
5,533FollowersFollow
149,628SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय