नोएडा। ग्रेटर नोएडा और नोएडा के दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों से दो नाबालिग लड़कियों के लापता होने के मामले सामने आए हैं। इनमें से एक मामला उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के बाद संज्ञान में लिया गया, जबकि दूसरा मामला 48 घंटे बाद रिपोर्ट होने के बावजूद पुलिस जांच के दायरे में है।
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थाना बिसरख क्षेत्र के रोजा जलालपुर गांव की रहने वाली एक विधवा महिला ने शिकायत की है कि उसकी 14 वर्षीय बेटी 15 फरवरी 2025 को कक्षा 8वीं का पेपर देने स्कूल गई थी लेकिन उसके बाद से लौटकर नहीं आई। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि पड़ोस में रहने वाले कल्लू, हुकम सिंह और पूजा ने उसकी बेटी को अपने घर में बंधक बना लिया है। जब वह अपनी बेटी को छुड़ाने गई, तो आरोपियों ने उसे गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी।
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महिला का आरोप है कि उसने जब बिसरख थाने में शिकायत की, तो पुलिस ने उससे जबरन एक सादे कागज पर अंगूठा लगवा लिया और लिखा कि बेटी बरामद हो गई है। लेकिन वास्तव में बेटी अभी तक लापता है। महिला ने इसके बाद उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग, लखनऊ में शिकायत दर्ज कराई। आयोग के आदेश पर बिसरख पुलिस ने अब जाकर मामला दर्ज किया है। थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
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दूसरा मामला थाना सेक्टर-49 क्षेत्र के अगाहपुर गांव का है, जहां रहने वाले एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उनकी 15 वर्षीय बेटी 18 मई 2025 को घर से लापता हो गई। परिवार ने लोकलाज के डर से दो दिन तक किसी को नहीं बताया। बाद में 20 मई को थाने में शिकायत दी गई। पीड़ित ने आशंका जताई है कि कोई अज्ञात युवक उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। थाना प्रभारी अनुज कुमार सैनी ने बताया कि किशोरी की तलाश के लिए टीम गठित कर दी गई है और विभिन्न पहलुओं पर जांच की जा रही है।
दोनों मामलों ने पुलिस की कार्यप्रणाली और नाबालिग लड़कियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजन दोनों ही मामलों में अपनी बेटियों की सलामती को लेकर चिंतित हैं।