बारिश की रिमझिम फुहारों के बीच भुने हुए भुट्टे की महक हर किसी को भाती है। इस मौसम में भुट्टा जिसे कॉर्न और मकई भी कहा जाता है, का प्रयोग तरह-तरह के व्यंजन बनाने में किया जाता है। यह ऐसा अनाज है जो स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।
दुरुस्त करता पाचन : कॉर्न में फाइबर यानी भरपूर रेशे होते हैं। ये रेशे भोजन को पचाने के लिए जरूरी हैं। यह कब्ज और पेट में होने वाले कैंसर की आशंका को कम करता है। प्रचुर मात्रा में खनिज कॉर्न के दानों में भरपूर मिनरल्स पाये जाते हैं। इसमें आयरन, मैग्नीशियम और कॉपर के अलावा फॉस्फोरस भी पाया जाता है। ये तत्व हड्डियों के लिए जरूरी हैं। इन तत्वों से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसका सेवन किडनी को भी मजबूत करता है।
त्वचा को बनाता है चमकदार : कॉर्न लंबे समय तक त्वचा को कांतिमय रखने में मददगार होता है। एंटीऑक्सीडेंट्स की प्रचुरता के अलावा इसके तेल में लिनोलिक एसिड होता है।
एनीमिया से करता है बचाव : मक्के में आयरन होता है। आयरन की कमी से एनीमिया हो जाता है और इसके कारण लाल रक्त कणों की संख्या घट जाती है। मक्के में विटामिन-बी और फोलिक एसिड मौजूद होते हैं जो एनीमिया होने से बचाव करते हैं।
कंट्रोल करता है कोलेस्ट्रॉल: कोलेस्ट्राल ऐसा पदार्थ है, जो बढऩे पर नुकसान पहुंचाता है। कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार के होते हैं- गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) और बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल में फैटी फूड आते हैं जो हमारे दिल को कमजोर बनाते हैं। स्वीट कॉर्न में विटामिन-सी होते हैं जो हमारे दिल को स्वस्थ रखते हैं और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करते हैं। कॉर्न में प्रचुर मात्रा में फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो कैंसर होने के कारणों को रोकते हैं। मकई का आटा कोलोन कैंसर के खतरे को कम करता है। कॉर्न में विटामिन-बी भी होता है जो तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में मददगार है। कॉर्न उन डायबिटीज पीडि़तों के लिए जरूरी है, जो इंसुलिन नहीं लेते। कॉर्न उनके डायबिटीज को कंट्रोल करते हैं। मकई में मौजूद कैरोटेनोइड आंखों की ज्योति बढ़ाने के साथ ही विटामिन ए भी उपलब्ध कराता है। मकई के दानों यानी भुट्टो को पकाकर भी खाया जाता है। इससे जहां दांतों की बेहतर एक्सरसाइज होती है, वहीं यह पेट को ठीक करता है।
सौंदर्य का साथी: कई तरह के कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स बनाने में कॉर्न स्टार्च का प्रयोग किया जाता है। साथ ही, इसका प्रयोग त्वचा की जलन और रैशेस को कम करने के लिए भी किया जाता है। कैंसरकारी पैट्रोलियम उत्पाद जो कि कई तरह के कॉस्मेटिक्स को बनाने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है अब इनके स्थान पर कॉर्न के उत्पाद का प्रयोग किया जाने लगा है।
सुभाष बुड़ावन वाला – विभूति फीचर्स