गोरखपुर – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को सरकार यूपी पुलिस के साथ ही अन्य सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर नौकरी दे रही है।
गोरखनाथ मंदिर के मेला परिसर में दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय सीनियर प्राइजमनी पुरुष कुश्ती प्रतियोगिता के समापन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को सरकार यूपी पुलिस के साथ ही अन्य सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर नौकरी दे रही है। सरकार खेल और खिलाड़ियों के हित में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रही है,साथ ही खिलाड़ियों को पुरस्कार, नियुक्ति और भरपूर आर्थिक सहायता देकर उन्हें प्रोत्साहित भी कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि खिलाड़ियों को हर संभव मदद देकर खेल की गतिविधियों को आगे बढ़ाया जाए।
उन्होंने पेरिस ओलंपिक का जिक्र करते हुए कहा जाता नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में रजत पदक जीतकर और हॉकी टीम ने लगातार दूसरी बार ओलंपिक में पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। उन्होने कहा कि 2020 के टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाली हॉकी टीम का यूपी सरकार ने लखनऊ में सम्मान किया था। हॉकी टीम के ओलंपिक खिलाड़ी उत्तर प्रदेश के ललित उपाध्याय को यूपी पुलिस में डिप्टी एसपी पद पर नियुक्ति दी गई है। ललित कुमार ने इस बार भी ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया है जबकि यूपी के ही खिलाड़ी राजकुमार ने पदक के मुकाबले में अपने शानदार प्रदर्शन से स्पेन को हराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए श्री योगी ने बताया कि खिलाड़ियों को यूपी में सम्मानजनक सरकारी नौकरी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी ललित उपाध्याय, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी दीप्ति शर्मा, एथलेटिक्स में पारुल चौधरी और कबड्डी में अर्जुन देशवाल को डिप्टी एसपी, कुश्ती में दिव्या काकरान और जुडो में विजय कुमार को नायब तहसीलदार, नौकायन में पुनीत कुमार, एथलेटिक्स में प्राची को जिला युवा कल्याण अधिकारी और अर्जुन को परिवहन विभाग में यात्री एवं माल कर अधिकारी पद पर नियुक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेल और खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने, उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इसके तहत जिला स्तर पर स्टेडियम व ब्लॉक स्तर पर मिनी स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। हर गांव में खेल के मैदान व ओपन जिम विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट में भी सरकार ने 100 करोड़ रुपये का प्रावधान ब्लॉकों में मिनी स्टेडियम बनाने के लिए किया है।
उन्होंने कहा कि 16 खेलों में 18 जिलों में छात्रावास संचालित हैं। तीन स्पोर्ट्स कॉलेज के साथ ही खिलाड़ियों के भोजन आदि के दर में वृद्धि की गई है। 50 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को डेढ़ लाख रुपये प्रतिमाह मानदेय के हिसाब प्रशिक्षक के रूप में रखा जा रहा है जिनमें से 10 प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।
योगी ने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 84 स्टेडियम, 67 बहुउद्देश्यीय स्पोर्ट्स हाल 38 तरणताल, 15 सिंथेटिक हॉकी मैदान, 47 अत्याधुनिक जिम, 13 कुश्ती हाल, 6 शूटिंग रेंज, 20 सिंथेटिक टेनिस कोर्ट, 14 सिंथेटिक बास्केटबॉल हाल, 16 छात्रावास समेत स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर के अनेकानेक कार्य हो चुके हैं। डनहोंने कहा कि इसके अलावा मेरठ में मेजर ध्यानचंद के नाम पर प्रदेश के पहले और विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय का निर्माण युद्ध स्तर पर हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से ओलंपिक एकल स्पर्धा में स्वर्ण पदक विजेता को छह करोड़, रजत पदक विजेता को चार करोड़ तथा कांस्य पदक विजेता को दो करोड़ रुपये देने की नीति तय है। ओलंपिक की टीम स्पर्धा में यह राशि क्रमशः 3, 2 व 1 करोड़ रुपये है। एशियन गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता को 3 करोड़, रजत पदक विजेता को 1.5 करोड़ तथा कांस्य पदक विजेता को 75 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। कामनवेल्थ खेल तथा विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता को 1.5 करोड़, रजत पदक विजेता को 75 लाख व कांस्य पदक विजेता को 50 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसी तरह सैफ न नेशनल गेम्स में भी विजेताओं को पुरस्कृत किया जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को 10 लाख तथा एशियन गेम्स व कामनवेल्थ में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को 5.5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।
योगी ने कहा कि अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, खेल रत्न व खेल के क्षेत्र में पदम् पुरस्कार करने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार ने प्रतिमाह 20 हजार रुपये वित्तीय सहायता दी जा रही है। इसके साथ ही अशक्त अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को प्रतिमाह 10 हजार रुपये, राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को 6 हजार तथा राज्य स्तरीय खिलाड़ियों को प्रतिमाह 4 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।