मेरठ। 23 जुलाई को हुए सर्वे में कांवड़ मार्ग की 60 प्रतिशत स्ट्रीट लाइटें बंद मिलीं। यही नहीं शहर में भी पिछले दो साल से आधी से ज्यादा लाइटें खराब हैं। नगरायुक्त डॉ. अमितपाल शर्मा के कई बार पत्र लिखने के बावजूद ईईएसएल कंपनी ने लाइटें ठीक नहीं कीं। नगर निगम ने दीपावली, अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और अन्य पर्वाें पर अपने खर्चे से लाइटें ठीक कराईं। अब बिना सेवा दिए ही कंपनी ने नगर निगम पर 20 करोड़ के भुगतान का दावा ठोका है। दबाव में निगम भी कंपनी को भुगतान की तैयारी कर रहा है।
सरकार ने पांच साल पहले ईईएसएल कंपनी को शहर की स्ट्रीट लाइटों का ठेका दिया था। प्रदेश के 17 निगमाें ने कंपनी को अपनी लाइट सुपुर्दगी में दी थीं। अनुबंध था कि कंपनी नयी लाइटें लगाएगी और देखरेख करेगी। मेरठ शहर में 70 हजार स्ट्रीट लाइटें हैं। दो साल से सैकड़ों लाइटें खराब हैं। कंपनी उनकी मरम्मत तक नहीं कर रही है। हालात यह है कि अब निगम ही लाइट ठीक कराने के पार्ट्स भी खरीद रहा है। स्ट्रीट लाइट ठीक न करने या नयी लाइट न लगनी को लेकर निगम अधिकारी बार-बार कंपनी के अधिकारियों को पत्र लिखते हैं।
निगम ने एक साल से कंपनी का भुगतान भी रोका हुआ है। निगम और कंपनी अफसरों के बीच पत्राचार चल रहा है। खामियाजा शहर के लोगों को झेलना पड़ रहा है। शहर की 70 फीसदी आबादी के इलाके में रात में लाइट नहीं जलती। ये रिपोर्ट खुद नगर निगम ने तैयार की और अधिकारियों को दी।