मेरठ । मेरठ में सपा नेता ने पांच लाख के इनामी फरार बदमाश बदन सिंह बद्दो से जान का खतरा बताया है। मंगलवार को सपा नेता ने एसएसपी से अपनी और परिजनों की जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई। पश्चिमी यूपी के मुज़फ्फरनगर निवासी माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ़ जीवा की हत्या में भी बद्दो का नाम आया है और जाँच पश्चिमी यूपी के सुशील मूंछ तक भी पहुँच रही है।
शास्त्रीनगर निवासी सपा नेता अभिषेक सोम मंगलवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचे और एसएसपी रोहित सिंह सजवाण को शिकायती पत्र देकर पुलिस हिरासत से फरार पांच लाख रुपए के इनामी बदमाश बदन सिंह बद्दो से जान का खतरा बताया।
सपा नेता ने कहा कि बद्दो फेसबुक पर सक्रिय है और उसके संबंध एक बड़े गैंग से है। वह कभी भी किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। चार साल पहले पुलिस कस्टडी से फरार होने के बाद भी अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है। इसकी शिकायत प्रमुख सचिव गृह से भी की गई है, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर बद्दो के मकान को ध्वस्त कर दिया गया।
इसी कारण बद्दो उनसे और उनके परिजनों से रंजिश रखता है। उसने संजीव जीवा की भी हत्या कराई है। बद्दो देश में ही है और अपनी लोकेशन बदल रहा है। कुछ दिन पहले उसकी लोकेशन उत्तराखंड में भी मिली थी। इसे बाद भी कुख्यात की गिरफ्तारी नहीं हो रही है। सपा नेता ने एसएसपी से अपनी और परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई। एसएसपी ने उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया।
आपको बता दे कि पश्चिमी यूपी के मुज़फ्फरनगर निवासी संजीव माहेश्वरी उर्फ़ जीवा की हत्या में भी बद्दो का नाम आया है और जाँच पश्चिमी यूपी के सुशील मूंछ तक भी पहुँच रही है। लखनऊ की वजीरगंज पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट से खुलासा हुआ है कि बदन सिंह बद्दो ने नेपाल में असलम के जरिए शूटर विजय यादव को संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को मारने की 50 लाख की सुपारी दी थी। बताया जा रहा है कि नेपाल में असलम के जरिए शूटर विजय यादव की बदन सिंह बद्दो से मुलाकात हुई थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार बदन सिंह बद्दो और संजीव जीवा के बीच लंबे समय से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में वसूली को लेकर रंजिश चली आ रही थी। पुलिस ने संजीव महेश्वरी जीवा हत्याकांड में बदन सिंह बद्दो के साथ नेपाल के मददगार असलम और लखनऊ के एक मददगार को साजिश रचने का आरोपी बनाया है। संजीव जीवा माहेश्वरी ने बदन सिंह बद्दो के द्वारा हत्या किए जाने के डर से ही मुजफ्फरनगर कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी कराने को लेकर अर्जी दी थी। , लखनऊ पुलिस को शक है कि हत्याकांड में बद्दो के साथ पश्चिमी यूपी के दूसरे माफिया सुशील मूंछ ने मिलकर साजिश रची और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक छत्र राज स्थापित करने के लिए संजीव जीवा की हत्या करवा दी। संजीव जीवा ने हत्या से पहले मुजफ्फरनगर कोर्ट में जिला जज को भेजी गई अपनी एप्लीकेशन में बदन सिंह बद्दो के साथ-साथ सुशील मूंछ के द्वारा हत्या करवाए जाने की भी आशंका जताई थी।
साल 2007 में संजीव जीवा ने हरिद्वार के कोतवाली थाना क्षेत्र में ही अपने दो अन्य साथियों इंदर शर्मा और नागेंद्र ब्रह्मचारी के साथ मिलकर सुशील मूंछ के करीबी हरवीर सिंह की हत्या कर दी थी, हरवीर सिंह सुशील मूंछ गैंग का करीबी था और इस हत्या ने ही उत्तराखंड में सुशील मूंछ के सामने संजीव जीवा को स्थापित कर दिया था। उत्तराखंड का कंबल कारोबारी अमित दीक्षित, बदन सिंह बद्दो का बेहद करीबी था। चर्चा है कि अमित दीक्षित के बिजनेस में बदन सिंह बद्दो एक बड़ा मददगार था जिसके कारण जीवा ने अमित दीक्षित की हत्या हरिद्वार के कनखल में स्थित 50 करोड़ की जमीन की डील को लेकर करवाई थी. इस डील में हरिद्वार के सुभाष सैनी ने पेंच फंसाए थे, सुभाष सैनी भी सुशील मूंछ का करीबी था। संजीव जीवा ने सुभाष सैनी को भी रास्ते से हटाने के लिए दो बार असफल जानलेवा हमला करवाया था दो बार सुभाष सैनी बच गया, तो तीसरी बार जमीन को डील में शामिल अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी की हत्या करवा दी।
सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड में कीमती जमीनों की डील और वसूली के धंधे में वर्चस्व को लेकर संजीव जीवा धीरे-धीरे सुशील मूंछ और बदन सिंह बद्दो के लिए चुनौती बन गया था, यही वजह है कि लखनऊ पुलिस संजीव जीवा हत्याकांड में अब सुशील मूंछ की भूमिका पर भी जांच कर रही है।