सहारनपुर। जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक और प्रसिद्ध देवबंदी उलामा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट की निंदा की है। मौलाना कारी इसहाक गोरा ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, “वक्फ बिल सरासर हम लोगों के खिलाफ है। यह बोर्ड के खिलाफ है।
यह वक्फ की संपत्ति के हक में नहीं है। किसी की कोई संपत्ति हो, उसमें कोई इन्वॉल्व हो। उस समिति के अंदर किसी को जबरदस्ती बैठाया जाए। ऐसे बहुत सारे सवालात हैं। इस बिल का हम खुला विरोध करते हैं और करेंगे।” उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्ति अल्लाह की संपत्ति होती है। इसका गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। कोई भी व्यक्ति इसका गलत इस्तेमाल करता है, या भ्रष्टाचार करता है, उसका मतलब है कि अल्लाह से जंग मोल लेना।
उन्होंने कहा जो इसके पक्ष में हैं, वे नादान हैं। बहुत सारे मौलाना इसके खिलाफ हैं। यह वक्फ संपत्ति को हड़पने जैसा है। उन्होंने सरकार से वक्फ अधिनियम से छेड़छाड़ न करने की मांग की और कहा कि यह वक्फ संपत्ति मुस्लिमों की ही रहेगी। इस पर किसी प्रकार की छेड़छाड़ न करें। यह संपत्ति अल्लाह की है। यह दान की संपत्ति है। इसका इस्तेमाल मदरसों, स्कूलों, यतीमखाने और अस्पतालों के लिए होना चाहिए। मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा, “हमें शक है इसका गलत इस्तेमाल होगा। अगर यह बिल पेश हो जाता है तो इसके लिए तमाम मौलाना बैठकर आपस में राय-मशविरा करेंगे। जरूरत पड़ने पर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं।”