Monday, April 21, 2025

10 सालों में मोदी सरकार ने किसानों के साथ किया दुर्व्यवहार – कांग्रेस

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक अभय दुबे ने भारतीय जनता पार्टी की नीतियों को किसान विरोधी बताते हुए उनकी कड़ी आलोचना की। कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस के मीडिया समन्वयक अभय दुबे ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की स्थाई समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मोदी सरकार को किसान विरोधी करार दिया और किसानों को तुरंत न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की मांग की। उन्होंने कहा कि “बीते दस साल में मोदी सरकार ने किसानों के साथ जो दुर्व्यवहार किया है, उससे साफ हो गया है कि नरेंद्र मोदी किसान विरोधी हैं।

 

 

 

फसल की न तो पर्याप्त खरीद हो रही है, न उचित दाम मिल रहा है और न ही एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी मिल रही है।” उन्होंने कहा, सत्ता में आते ही मोदी सरकार ने सबसे पहला निर्णय लिया कि यदि राज्य सरकार धान-गेहूं पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 150 रुपये का बोनस देगी, तो हम अनाज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदना बंद कर देंगे। दूसरे निर्णय में मोदी सरकार किसानों की भूमि का उचित मुआवजा कानून को रौंदने के लिए अध्यादेश लेकर आई।

 

 

 

तीसरे निर्णय में मोदी सरकार ने सर्वोच्च अदालत में एक शपथ पत्र देकर कहा कि यदि किसानों को लागत के ऊपर 50 प्रतिशत जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया तो बाजार खत्म हो जाएगा। अर्थात स्वामीनाथन की सिफारिशों से इनकार कर दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी ने 2016 में कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, लेकिन उनकी आय 27 रुपये प्रति दिन रह गई और हर किसान पर 74 हजार रुपये औसत कर्ज हो गया है। नरेंद्र मोदी ने एक रैली में कहा कि हम विश्व की सबसे अच्छी फसल बीमा योजना लेकर आ रहे हैं, लेकिन वह निजी कंपनियों के लिए मुनाफा योजना बन गई।

यह भी पढ़ें :  'कांग्रेस समर्थित पार्टियों ने बिहार में 'जंगल राज' को बढ़ावा दिया है' - अनुराग ठाकुर

 

 

 

 

उन्होंने कहा, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की स्थाई समिति की 69वीं रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इसमें कहा गया कि तत्कालीन कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर साल 2017 से नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख रहे थे कि कृषि यंत्रों पर से जीएसटी हटा दीजिए, लेकिन मोदी सरकार ने इस पर संज्ञान नहीं लिया। अब मोदी सरकार ने रबी सीजन के लिए समर्थन मूल्य की घोषणा की है। पिछले वर्ष की तुलना में यह वृद्धि सिर्फ 2.4 से सात प्रतिशत तक की है। हर बार न पर्याप्त खरीद की जाती है और न उचित दाम दिया जाता है और न समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी का इंतजाम होता है। यानी पिछले दस सालों में मोदी सरकार ने हर समय किसानों की पीठ पर लाठी और पेट पर लात मारी है।

 

 

 

दुबे ने कहा, कांग्रेस की मांग है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी मिले। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों के लिए सोयाबीन की फसल पर समर्थन मूल्य कम से कम 6,000 रुपये निर्धारित किया जाए। जिन किसानों ने अपनी फसल इससे कम मूल्य पर बेच दी है, उनके खातों में भी बाकी राशि डाली जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा सिर्फ रस्म अदायगी बनकर न रह जाए।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय