नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का सोमवार से आगाज हो गया। सत्र के दौरान बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई गई, जिस पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया है। केंद्र सरकार ने मौजूदा प्रावधानों का हवाला देते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की संभावना से इनकार कर दिया है।
लोकसभा में सरकार ने कहा कि मौजूदा प्रावधानों में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद बिहार की सत्तारूढ़ पार्टियों में निराशा देखने को मिल सकती है, जो लगातार बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे थे। दरअसल, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है। स्थानीय नेताओं का तर्क है कि प्रदेश के विकास के लिए यह जरूरी है। हालांकि, केंद्र सरकार के रुख ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
बता दें कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई को पेश किया जाएगा। इससे पहले सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सोमवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान जताया गया कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से लेकर 7 प्रतिशत के बीच रह सकती है, जो दिखाता है कि चालू वित्त वर्ष में भी भारत की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा रहेगा।