Friday, November 22, 2024

लव और ब्लैकमेलिंग के जाल में फंसी 300 से ज्यादा लड़कियां, नाबालिग लड़के चला रहे गैंग, न्यूड वीडियो-तस्वीरें जब्त

आगरा। आगरा में एक एनजीओ के माध्यम से पुलिस तक पहुंची एक लड़की ने केस दर्ज करवाया तो पुलिस ने कॉलेज की लड़कियों को ब्लैकमेल करने वाले गैंग की धरपकड़ शुरु कर दी। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिसके पास से पुलिस को लैपटॉप-मोबाइल से 300 से ज्यादा कॉलेज स्टूडेंट्स की न्यूड तस्वीरें-वीडियो मिली हैं। खास बात यह है कि पकड़ा गया आरोपी भी स्टूडेंट्स और नाबालिग हैं। फिलहाल, पुलिस ने 34 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इनमें 9 आरोपी नामजद हैं और 25 अज्ञात हैं।

लड़कियों को ब्लैक करने का चल रहा था गैंग

करीब 2 महीने पहले शास्त्रीपुरम इलाके के एक कॉन्वेंट स्टूडेंट ने NGO से संपर्क किया। उसने बताया कि उसका एक बॉयफ्रेंड था। वो पास के स्कूल में 12वीं का छात्र था। दोनों जब मिलते, तो वो लड़का सेल्फी के बहाने उसकी तस्वीर और वीडियो मोबाइल में लेता रहता था। कुछ महीने बाद ही अचानक छात्रा के पास एक अनजान नंबर से कॉल आया।

फोन करने वाले छात्रा की न्यूड तस्वीर-वीडियो का हवाला दिया। छात्रा घबरा गई। पूछने पर कॉल करने वाले ने बताया कि ये उसके ही बॉयफ्रेंड से मिली हैं। छात्रा ने कॉल काट दिया। अपने बॉयफ्रेंड को फोन किया तो उसने पल्ला झाड़ दिया। फोन काट दिया।

छात्रा को ब्लैकमेल करने वाला लड़का उसको मिलने के लिए बुलाने लगा। फिर कई लड़कों के कॉल आने लगे। छात्रा परेशान रहने लगी। एक दिन परेशान होकर उसने अपनी स्कूल दोस्त से इस बारे में बताया। तब खुलासा हुआ कि उसके साथ भी ऐसा ही हुआ। फोन का डेटा हैक होने के अंदेशे होने के साथ उसको भी न्यूड वीडियो-तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल किया जा रहा है।

छात्राओं ने सीधे पुलिस के पास जाने के बजाए एक NGO के शख्स से संपर्क किया। क्योंकि उन्हें इन तस्वीरों के वायरल होने का अंदेशा था। अब NGO के शख्स ने पुलिस से संपर्क किया। बिना केस दर्ज हुए, पुलिस ने जांच शुरू की। सर्विलांस सेल की मदद से पुलिस ब्लैकमेलर लड़के तक पहुंची। इसके बाद एक बड़े रैकेट से पर्दा उठ गया।

करीब 9 लड़कों के नाम-पते पुलिस को मिल चुके है। पूरे मामले की पैरवी करने वाले NGO के शख्स के मुताबिक उनके पास एक लैपटॉप है, जिसमें 300 लड़कियों का न्यूड डेटा है। इसमें कुछ हिस्सा उन्होंने पुलिस को हैंडओवर किया है। बाकी जांच के अनुसार पुलिस को दिया जा रहा है।

इस तरह किया जाता था ब्लैकमेल

लड़का- हैलो लड़की-कौन बोल रहा है? लड़का-तुम्हारा चाहने वाला लड़की-नंबर कैसे मिला लड़का-हम किसी का भी नम्बर पता कर सकते हैं लड़की-आज के बाद कॉल मत करना मेरे पास, समझ में आई लड़का-नहीं करुंगा पूरी बात सुन लो मेरी लड़की-क्या लड़का-मेरे को ब्लॉक किया था तुमने‌ ? लड़की-हां मैंने किया है, ब्लॉक लड़का-मुझे लगा तुम्हारे बॉयफ्रेंड ने किया लड़की-कोई भी करे, किसी ने किया, मैंने किया है ब्लॉक लड़का- उस दिन मैं खड़ा मिला तुम्हें लड़की-मैंने नहीं देखा, मुझे नहीं पता लड़की-मैं नहीं देखती किसी को लड़का- मैंने पहली बार देखा था, तुम्हें, लड़की-तो मैं क्या करूं, मैं किसी अजनबी से बात नहीं करतीं लड़का- इंस्टाग्राम कब से यूज नहीं कर रही हो लड़की- तुम्हें क्या मतलब लड़का-ऐसे तो ना बोलो भाई लड़की-मेरी पर्सनल लाइफ में क्यों घुस रहे लड़का-तुम अच्छी लग गई हो लड़की-ज्यादा नहीं बोल रहे हो तुम लड़का-मैं कहीं (तुम्हें) घेर लूं लड़की- दम हो तो घेर लो,अपने भइया से बात कराती हूं लड़का-और भी मुझे पता है, आपके बारे में लड़की- जा बता दे लड़का- (दोस्त का नाम लेकर) उससे पूछ लेना, मैं कौन हूं, तुमने प्राइवेट बातें की थीं लड़की-फालतू मत बोलो लड़का- उसने चैट दिखाई थी, कुछ अच्छा दिखा था लड़की-जरूरी है कि वो मैं हूं लड़का-हमें दिखा दो कुछ

NGO ने महिला आयोग, बाल आयोग और अन्य जगहों पर भी शिकायत की है। छात्रा ने बताया था कि लड़के उसकी एडिटेड अश्लील फोटो और कुछ चैटिंग के स्क्रीन शॉट दिखाकर उसका शारीरिक शोषण करना चाहते हैं। मना करने पर उसे उठाकर ले जाने को धमकी दे रहे थे। छात्रा ने परिजनों के डर की वजह शिकायत नहीं की थी कि कहीं उसकी पढ़ाई बंद न हो जाए।

महिला आयोग ने किया जवाब-तलब

NGO संचालक के अनुसार फिलहाल उनकी जांच में सिर्फ लड़कियों का शोषण करने की बात हो सामने आई है। आगरा पुलिस से महिला आयोग द्वारा जवाब तलब करने के बाद कार्रवाई हुई है। ये कार्रवाई भी मामूली है। नाबालिग आरोपी इन धाराओं में गिरफ्तार भी नहीं हो सकते हैं। पकड़ा भी जाए, तो उन्हें न्यायालय से ही जमानत मिल जाएगी।

साइबर सेल कर रही पड़ताल

थाना सिकंदरा प्रभारी आनंद कुमार शाही ने बताया कि केस दर्ज कर पुलिस छानबीन कर रही है। साइबर क्राइम सेल की मदद ली जा रही है। लड़कियों का डेटा लड़के किस तरह लेते थे और उसका दुरुपयोग किस तरह किया जाता था। इन सभी बिंदुओं की साइबर सेल पड़ताल कर रही है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। बताया गया है कि मुख्य आरोपी 12वीं कक्षा का छात्र बताया जा रहा है। वह कहीं कोचिंग भी ले रहा है। आरोपी के पिता SN मेडिकल कॉलेज में कर्मचारी हैं।

 

 

 

 

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