Saturday, April 26, 2025

प्रदेश में पैंतीस हजार से ज्यादा दुष्कर्म की घटनाएं हुईं, प्रियंका करती रही गिद्ध राजनीति- राज्यवर्धन सिंह राठौड़

जयपुर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा पर महिला उत्पीड़न के मामलों में ‘‘गिद्ध राजनीति ’’ करने का आरोप लगाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एंव सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश की जनता की ओर से 12 ज्वलंत सवाल दागे हैं। जिसमें मुख्य रूप से दुष्कर्म, महिला उत्पीड़न, किसान आत्महत्या, दलित उत्पीड़न, किसानों की जमीन नीलामी, पेपर लीक, भ्रष्टाचार, बेराजगारी और प्रदेश में व्याप्त कांग्रेस की लूट को लेकर प्रियंका- राहुल पर सवालों के जरिये बड़ा हमला बोला है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एंव सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस का संचालन करने वाले मुख्य परिवार की हस्ती प्रियंका वाड्रा आज राजनीतिक पर्यटन पर राजस्थान के झुंझुनू आई हैं। महिला सुरक्षा के अंदर ये लोग गिद्ध राजनीति करते हैं, राजस्थान के बाहर जब कोई महिला अपराध होता है तब ये लोग जमकर मीडिया में बयान बाजी करते हैं, लेकिन जैसे ही राजस्थान का बॉर्डर आता है इनकी जबान पर ताला लग जाता है। प्रदेश में 35 हजार से ज्यादा दुष्कर्म की घटनाएं हुई, लेकिन राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने यहां की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बयान तक दिया क्या ? क्या राजस्थान की महिलाएं प्रियंका वाड्रा और कांग्रेस के लिए सम्मान की पात्र नहीं है ? इन लोगों की कथनी और करनी में मोटा फर्क सामने आता है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एंव सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां महिला सुरक्षा संरक्षण और उत्थान की दिशा में काम कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रियंका वाड्रा का लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा राजस्थान में आकर सिमट कर रह जाता है। प्रदेश में करीब दो लाख महिला उत्पीड़न की रजिस्टर्ड घटनाएं दर्ज होने के बावजूद प्रियंका वाड्रा राजस्थान क्यों नहीं आई ? प्रदेश में 7,700 निर्दोष नागरिकों की हत्या होती है, लेकिन कांग्रेस की तरफ से किसी नेता ने संवदेना तक प्रकट क्यों नहीं की ? प्रियंका वाड्रा के भाई राहुल गांधी पिछले चुनावों में दस दिन में कर्जमाफी का वादा करके गायब हो गए और अब 1700 दिन बीत जाने पर प्रदेश की जनता उनसे सवाल पूछती है कि कर्जमाफी क्यों नहीं हुई ? कर्ज से तंग आकर प्रदेश में करीब 350 किसानों ने आत्महत्या कर ली, लेकिन कांग्रेस सरकार मृतकों को किसान मानने से ही मना कर रही है। सरकार ने कहा कि खेत में काम करने वाला व्यक्ति किसान नहीं है जबतक उसके नाम से जमीन नहीं है। मेरा सवाल सरकार से यह है कि क्या मजदूर के प्रति आपकी संवदेनाएं नहीं है।

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भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में जेहादी मानसिकता के लोगों द्वारा कन्हैयालाल तेली, हरीश जाटव, आदर्श तापड़िया, योगेन्द्र मेघवाल, रतनलाल सोनी, कृष्णा वाल्मिकी और चिरंजीलाल सैनी सहित अनेक निर्दोश नागरिकों की हत्या की अनेक घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन कांग्रेस की तरफ से इन लोगों के प्रति कोई संवेदना और पीड़ा प्रकट क्यों नहीं की गई ? कर्जमाफी से जूझ रहे प्रदेश के 19,422 किसानों की जमीनें नीलाम हो जाती हैं, लेकिन प्रियंका वाड्रा की नजर इस तरह की खबरों पर क्यों नहीं जाती ? यदि कांग्रेस के नेताओं में जरा भी शर्म बची है तो उन्हे किसानों और महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए। प्रदेश के उन 70 लाख युवाओं का क्या दोष था जिनका कैरियर पेपर लीक की भेंट चढ़ गया। हम मान भी लें कि पैसा तो लौटाया जा सकता है, लेकिन जो कीमती समय इन युवाओं का चला गया उसे कांग्रेस सरकार कैसे लौटाएगी ?

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