गाजियाबाद। साहिबाबाद के चंदर नगर के एक फ्लैट में गंदगी पर तेजस का शव मिलने के बाद जिला एमएमजी अस्पताल से चार डॉक्टरों की टीम बीमार मां और बहन की जांच करने पहुंची। करीब आधे घंटे की जांच के बाद दोनों को परिजनों की मौजूदगी में दिल्ली के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। इससे पहले डॉक्टरों ने दोनों से बात कर उनकी बीमारी जानने का प्रयास किया था लेकिन, मां कोमल टीम को देखकर शोर करने लगी थी। महिला डॉक्टर ने उन्हें शांत कराया।
जिला अस्पताल से डॉ. साकेत के साथ डॉ. चंदा यादव, डॉ. सोमदेव और डॉ. राकेंद्र सिंह की टीम सूर्य नगर पहुंची थी। वहां से टीम स्थानीय पुलिस के साथ चंदर नगर में महिला कोमल के फ्लैट पर पहुंची। काफी देर तक टीम ने कोमल से फ्लैट खोलने के लिए कहा लेकिन, जब गेट नहीं खुला तो टीम ने वहां से जाने की बात कही। इस पर महिला ने टीम को देखने के लिए गेट खोल दिया। तभी टीम ने पुलिस की मदद से दोनों से काफी देर बात की। टीम ने वहां गंदगी और कूड़े के अलावा फ्लैट की स्थिति को देखा। सभी का बदबू से सांस लेना दूभर हो रहा था।
डॉ. साकेत ने मास्क लगाकर कोमल से बात कर घटना के बारे में पूछा। उसके बाद टीम ने उनका इलाज कराने के लिए बोल दिया। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से कोमल और काव्या को बातचीत करते हुए फ्लैट से निकाला। उसके बाद गाड़ी में बैठाकर भाई प्रशांत की मौजूदगी में दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें फ्लैट की चाबी भी दी, जिससे वहां साफ-सफाई करा दी जाए। इस मामले में डॉ.साकेत से फोन पर संपर्क किया गया लेकिन, बात नहीं हुई। उनके साथ बाकी डॉक्टरों ने कुछ कहने से मना कर दिया।