गाजियाबाद। गाजियाबाद में बने पूर्वांचल भवन की निविदा निरस्त करने की मांग पुरबिया जनकल्याण परिषद ने की है। इस संबंध में पुरबिया जनकल्याण परिषद ने वीरवार को नगर निगम कार्यालय में नगरायुक्त से मिलकर ज्ञापन सौंपा।
पुरबिया जनकल्याण परिषद के राष्ट्रीय महासचिव पंडित राकेश तिवारी ने बताया कि पूरब के 47 पंजीकृत संगठनों के पदाधिकारियों ने निगम आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने ज्ञापन के साथ 47 संगठनों का समर्थक पत्र सौपा। उन्होंने बताया कि पूर्वांचल भवन का नगर निगम दो बार निविदा कर चुका है। पूर्वांचल के संगठनों की मांग है कि पूर्वांचल भवन की निविदा निरस्त हो।
उन्होंने कहा कि भवन का संचालन कैसे हो इसके लिए सुझाव पत्र भी सौपा गया है। बता दें 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने उत्तराखण्ड कौथिक मेले समारोह में उत्तरांचल पूर्वांचल भवन का शिलान्यास किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि हमारी जन्मभूमि उत्तरांचल और कर्मभूमि पूर्वांचल है। दोनों की सभ्यता संस्कृति कलाकृतियों खानपान को ज़िंदा रखने के लिए भवन का निर्माण किया जाएगा। आरोप है कि सांस्कृतिक केंद्र बना नहीं निगम ख़ाली डिब्बा बनाकर भवन खड़ा कर दिया।
काशी विश्वनाथ मंदिर के तर्ज़ पर बने भवन का 15 साल के लिए टेंडर कर दिया गया है। इससे पूर्वांचल समाज के लोगों को निगम ने आहत किया है। समाज भवन के रख-रखाव-चलाने में सक्षम है। इसलिए इसकी निविदा निरस्त की जाए। इस दौरान अध्यक्ष रीता सिंह, पंडित राकेश तिवारी महासचिव, मनोज कुमार सचिव, सुजीत तिवारी ,सुभाष सिंह ,प्रमोद श्रीवास्तव ,जे पी शुक्ला ,संजय कुमा, सचितानंद पोखरियाल और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।