प्रयागराज। सपा विधायक विजमा यादव को MP-MLA कोर्ट ने दोषी करार दिया है। जिसमें कोर्ट ने उनको आगजनी और हिंसा से जुड़े 22 साल पुराने केस में दोषी ठहराया है। इस मामले में पुलिस टीम पर हमला, आगजनी और हिंसा फैलाने का आरोप था। कोर्ट दोपहर 2 बजे के बाद सपा विधायक को सजा सुनाएगी।
आपको बता दें कि 21 सितंबर 2000 की दोपहर 2 बजे सहसो पुलिस चौकी के सामने श्याम बाबू के 7 साल के बेटे आनंद उर्फ छोटू की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसके बाद लोगों ने आनंद के शव को लेकर सड़क पर जाम लगा दिया था। भीड़ में कई लोग असलहे से लैस थे। मौके पर पहुंचे तत्कालीन थाना प्रभारी सराय इनायत कृपाशंकर दीक्षित और पुलिस की टीम पर पथराव हुआ था।
11 अक्टूबर 2022 को MP-MLA विशेष कोर्ट के न्यायाधीश डॉ दिनेश शुक्ला के सामने सहायक जिला शासकीय वकील सुशील वैश्य ने 11 गवाहों का बयान दर्ज कराया था। तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर महेंद्र प्रताप सिंह ने भी गवाही दी थी। महेंद्र प्रताप सिंह का कहना था कि भीड़ को उकसाने में विधायक विजमा यादव का हाथ था।
इस मामले में विष्णु दत्त दुबे तत्कालीन इंस्पेक्टर थरवई, कमालुद्दीन हेड कॉन्स्टेबल, महेंद्र प्रकाश सिंह कॉन्स्टेबल, द्वारिका प्रसाद यादव कॉन्स्टेबल, कड़े दिन यादव पीएसी बल, लाल मनी सिंह पीएसी, मनीष कुमार सिंह कॉन्स्टेबल, सुशील कुमार तिवारी कॉन्स्टेबल, महेंद्र प्रताप सिंह कॉन्स्टेबल, प्रेम प्रकाश शुक्ला PAC का अदालत के समक्ष बयान दर्ज किया जा चुका है।
विशेष अदालत ने विधायक विजमा यादव, शिव दास, विनोद, पवन, शिवप्रताप, अभय राज, चंद्रप्रकाश, अशोक पाल, दुर्गेश सिंह, राजू सिंह, जगन्नाथ, श्याम बाबू, हरिलाल वा जंग बहादुर पर इस मामले में आरोप तय किए गए हैं, जिस पर आज फैसला आएगा।
विजमा यादव के पति जवाहर पंडित की 13 अगस्त 1996 को हत्या कर दी गई थी। प्रतापगढ़ के पॉश इलाके सुभाष चौराहे पर गाड़ी रोककर उनपर एके-47 से गोलियां बरसाई गई थीं। रामचंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था। शहर के सबसे पॉश एरिए में ये पहला मौका था जब किसी की हत्या में AK-47 का उपयोग किया गया हो।