मुजफ्फरनगर। जनपद में 28 वर्ष पुराने हत्या के मुक़दमे के कारण लगे गैंगस्टर मुक़दमों में अभियुक्त के हत्या के मुकदमे में बरी होने के बावजूद दो वर्ष की सजा व पांच हजार रूपए जुर्माना किया गया है। यह प्रकरण थाना खतौली का है, सुधीर कुमार जैन पुत्र कैलाश चंद जैन निवासी नई बस्ती खतौली थाना खतौली ने थाना खतौली पर रिपोर्ट दर्ज कराई कि 16 दिसंबर 1995 को मेरा मुनीम सुरेश गुप्ता निवासी मोहल्ला मिट्टूलाल कस्बा खतौली व्यापार के सिलसिले में राजस्थान गया था और व्यापार के 6000 रुपए लेकर वापस आ रहा था।
वह राजस्थान से मेरे घर आने के लिए जब जानसठ तिराहा से बस उतरकर मेरे घर की तरफ चल रहा था, तो बसंत सिनेमा से आगे कब्रिस्तान के पास सामने से तीन बदमाश एक स्कूटर पर आए और समय लगभग 8:45 बजे प्रातः मेरे मुनीम को गोली मार दी, जिससे वह मौके पर ही मर गया बदमाश मेरे मुनीम से छह हजार रुपए और उसके कपड़ो का बैग ले कर भाग गए थे।
गोली मारने वालों को आसपास खड़े लोगों ने पहचाना था इनका नाम संजीव शर्मा पुत्र रमेश चंद निवासी कच्ची सड़क थाना सिविल लाइन मुजफ्फरनगर और पवन कुमार उर्फ प्रशांत पुत्र दिलावर सैनी निवासी जगत कॉलोनी खतौली थाना खतौली जनपद मुजफ्फरनगर और तीसरा बदमाश फलावदा निवासी सुरेश सैनी था। तीनों बदमाशो को बाद में पुलिस ने पकड़ लिया था, गवाहों ने शिनाख्त परेड में तीनों बदमाशो को पहचान लिया था।
महत्वपूर्ण है कि अभियुक्त वर्ष 1999 में हत्या के मुकदमे में बरी हो गए थे, सुरेश पुत्र लखमीचंद का एक संगठित गिरोह था, जिसका गैंग लीडर सुरेश था, यह लोग क्षेत्र में अवैध हथियारों से सुसज्जित होकर हत्या, लूट जैसे गंभीर अपराध कार्य करते थे, इनके इन्हीं कृत्यों के आधार पर तत्कालीन थानाध्यक्ष खतौली बीके सिंह ने उनके विरुद्ध 2/3 गैंगस्टर का मुकदमा पंजीकृत कराया था, जिसकी विवेचना तत्कालीन थाना अध्यक्ष चंद्रपाल द्वारा की गई थी, शेष दोनों अभियुक्तों पवन कुमार व संजीव शर्मा की विचारण के दौरान मृत्यु हो चुकी है।
विद्वान न्यायाधीश अशोक कुमार द्वारा अभियुक्त सुरेश पुत्र लखमी सैनी निवासी कस्बा व थाना फलावदा को गैंगस्टर के मुक़दमों में गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत दो वर्ष का कारावास व पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया । मुकदमे की प्रभावी पैरवी विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह पुंडीर व विशेष लोक अभियोजक राजेश शर्मा द्वारा की गई।