Tuesday, December 24, 2024

शिक्षा व्यवस्था को विकास से जोड़ने की जरूरत: प्रो. सीताराम

नयी दिल्ली। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर टी जी सीताराम ने भारत में शिक्षा व्यवस्था को विकास से जोड़ने और हितधारकों को एक साथ आगे आने की जरूरत पर जोर दिया है।

प्रो. सीताराम ने बुधवार को यहां इनोवेटिव एजुकेशन प्रोवाइडर एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ की ओर से आयोजित इंडस्ट्री 4.0 इंडिया कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन के मौके पर कहा कि प्राइमरी, मिडिल और उच्च शिक्षा को भारत के कौशल की जरूरत को पूरा करने के लिए एक पटरी पर लाना जरूरी है। देश की अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कौशल शिक्षा जरूरी है। सरकारी उपक्रमों और कौशल से जुड़े संस्थानों को एक साथ आगे बढ़ना होगा।

उन्होंने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए कहा कि व्यावसायिक शिक्षा को 12वीं के बाद नहीं, पहले शुरू करना चाहिए। रोजगारोन्मुखी शिक्षा से युवाओं के सामने रोजगार की समस्या नहीं रहेगी, वे अपने हुनर के साथ आगे बढ़ सकेंगे।

प्रो. सीताराम ने कहा कि कई संस्थान इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं कि विद्यार्थियों को कौशल शिक्षा ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के जरिये दी जाए। वे सरकार के सहयोग से और अपने स्तर पर स्किलिंग एजेंडे को आगे भी बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन का मकसद तभी पूरा होगा, जब उद्योगों की जरूरत के हिसाब से कुशल युवा मिल सकें। इसके लिए जरूरी है कि कौशल शिक्षा एवं उद्योग के बीच साझेदारी हो।

उन्होंने कहा कि एआईसीटीई का पहला लक्ष्य भाषा बाधा को खत्म कर छात्रों को उनकी मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा देना है। एआईसीटीई ने हाल ही में ग्रामीण युवाओं के लिए इंटर्नशिप पोर्टल शुरू किया है, जिसमें अब तक 2.7 करोड़ युवा पंजीयन करा चुके हैं। पचासी कॉलेजों ने नामांकन कराया है और 75000 कंपनियों ने इस पोर्टल के जरिये इंटर्न नियुक्त करने में रुचि दिखाई है। ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एआईसीटीई के प्लेटफॉर्म को 47 देशों में 1.5 लाख यूजर्स ने डाउनलोड किया है।

एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ के सह-संस्थापक और अध्यक्ष डॉ मनीष मल्होत्रा ने इस मौके पर कहा कि ‘आई4आईसी 2023’ सम्मेलन उद्योग और इससे जुड़े हितधारकों को एक साथ लाने और चुनौतियों एवं अवसरों पर चर्चा का प्लेटफार्म है। सम्मेलन भविष्य के हिसाब से भारत में कौशल विकास की योजना बनाने में अहम योगदान होगा। उन्होंने कहा, “ अगले पांच वर्षों में भारत को फाइव ट्रिलियन इकॉनोमी बनाने के टारगेट को हासिल करने के लिए शिक्षा को स्किल डिवेलपमेंट पर फोकस करना होगा।”

आई4आईसी 2023 के विशेष अतिथि,फेडरेशन यूनिवर्सिटी के कुलपति एवं अध्यक्ष प्रो डंकन बेंटले ने इस मौके पर कहा, “आस्ट्रेलिया में न केवल कौशल एवं प्रशिक्षण जोर दिया गया है, बल्कि री-स्किलिंग और रिटेनिंग पर भी ध्यान दिया गया है, ताकि उद्योगों की ज़रूरतों को पूरा किया जा सके। यहां तक की पी.एच.डी. विद्यार्थियों को उच्च स्तर के कौशल तैयार करने को कहा गया है। प्रो बेंटले ने ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच और अधिक सहयोग एवं गहन साझेदारी पर बल दिया।

राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के सलाहकार डॉ संदीप सिंह कौरा ने इस अवसर पर कहा, “भारत सरकार अलग-अलग सेक्टरों के हितधारकों के अनुसार स्किल प्रोग्राम चला रही है, जिनके उत्साहजन और सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं।

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