उदयपुर/ जयपुर। राज्य सरकार ने नई ‘राजस्थान आबकारी एवं मद्य संयम नीति 2025-29’ जारी कर दी है, जो 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2029 तक लागू रहेगी। इस नीति के तहत अब प्रदेश के सभी एयरपोर्ट और 10 कमरों वाली होटलों को भी बार लाइसेंस दिए जा सकेंगे। साथ ही, जैसलमेर, रणकपुर, माउंट आबू, पुष्कर, कुंभलगढ़, जंवाई और सवाई माधोपुर जैसे पर्यटन शहरों में सीजनल लाइसेंस का प्रावधान भी किया गया है।
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शासन सचिव, वित्त (राजस्व) डॉ. रवि कुमार सुरपुर ने बताया कि नीति की वार्षिक समीक्षा का प्रावधान रखा गया है। मदिरा दुकानों की संख्या 7665 यथावत रहेगी और उनका आवंटन ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से किया जाएगा। वर्तमान अनुज्ञाधारियों को 2025-26 के लिए नवीनीकरण का अवसर दिया जाएगा। शेष दुकानों का आवंटन समूहवार ई-बिडिंग से किया जाएगा।
आईएमएफएल और बीयर पर नई आबकारी दरें
आईएमएफएल (विदेशी शराब) के लिए 9 स्लैब के स्थान पर दो दरें लागू की गई हैं। एक हजार रुपये तक ईडीपी पर 310 रुपये प्रति एलपीएल व ईडीपी का 75 प्रतिशत तथा एक हजार रुपये से अधिक ईडीपी पर 370 रुपये प्रति एलपीएल व ईडीपी का 75 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। बीयर के लिए माइल्ड बीयर पर ईबीपी का 185 प्रतिशत और स्ट्रांग बीयर पर 200 प्रतिशत आबकारी शुल्क लगेगा।
मद्य संयम पर सख्त नियम
नई नीति के तहत मदिरा विज्ञापनों पर कार्रवाई, दुकानों पर स्वास्थ्य चेतावनी का अंकन, अवयस्कों को बिक्री पर रोक और सार्वजनिक स्थानों पर मद्य सेवन पर जुर्माना लगाया जाएगा। अवैध शराब रोकने के लिए संयुक्त जांच दलों का गठन, मुखबिर प्रोत्साहन योजना और सीमावर्ती जिलों में विशेष निगरानी कमेटी बनाई जाएगी।
बेनीवाल ने किया विरोध, बोले-नई आबकारी नीति से माफिया राज होगा हावी
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान सरकार की नई आबकारी नीति पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि समूह में ठेके देने की व्यवस्था से शराब माफिया हावी होंगे और कानून व्यवस्था प्रभावित होगी। बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से पूछा कि यह नीति किसके दबाव में लाई गई? उन्होंने आरोप लगाया कि इससे अपराध बढ़ेगा और शराब माफियाओं को संरक्षण मिलेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से भी इस पर जवाब मांगा और कहा कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी इस नीति का पुरजोर विरोध करेगी।