चंडीगढ़ । हरियाणा के साथ छिड़े जल विवाद को लेकर पंजाब विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र के दौरान पंजाब के सभी राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हुए फैसला लिया कि हरियाणा को अतिरिक्त पानी नहीं दिया जाएगा और भाखड़ा डैम को लेकर बनाए गए सेफ्टी एक्ट को पंजाब स्वीकार नहीं करेगा।
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सोमवार को विधानसभा में उस समय माहौल गरमा गया जब आम आदमी पार्टी के विधायक अमृतपाल सिंह सुखानंद ने बीबीएमबी द्वारा हरियाणा को पानी दिए जाने के संबंध में जारी किए गए आदेशों की प्रति फाड़कर सदन में लहराई।
दिन भर चली विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सभी दलों ने कहा कि भाखड़ा डैम पंजाब की सीमा में बना हुआ है, इसलिए डैम की सुरक्षा को लेकर किसी तरह के भी नियम का पालन करना या नियम बनाना पंजाब सरकार के अधीन होना चाहिए।
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पंजाब का हरियाणा के साथ पिछले कई दिनों से भाखड़ा डैम जल विवाद चल रहा है। पंजाब इस समय हरियाणा को 4000 क्यूसेक पानी दे रहा है जबकि हरियाणा 8500 क्यूसेक पानी की मांग कर रहा है। पंजाब के सभी राजनीतिक दल हरियाणा को अतिरिक्त पानी ने दिए जाने पर एक मत हैं।
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इसे लेकर सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया। सदन की कार्यवाही के दौरान जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने बीबीएमबी द्वारा हरियाणा को अतिरिक्त पानी दिए जाने के आदेशों को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया। इसके साथ ही दम सेफ्टी एक्ट 2021 को रद्द करने का प्रस्ताव भी पेश किया गया।
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इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह सीमा ने कहा कि केंद्र में चाहे किसी भी राजनीतिक दल की सरकार रही हो लेकिन पंजाब के ऊपर पानी को लेकर हमेशा से हमला होता रहा है।
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विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि सरकार गंभीरता के साथ पंजाब के जल विवाद की लड़ाई लड़े तो कांग्रेस पूरी तरह से सरकार का समर्थन करेगी। प्रताप बाजवा ने कहा कि इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई लड़ते हुए सरकार हाई कोर्ट ही नहीं सुप्रीम कोर्ट तक जाए और जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री से मुलाकात भी की जाए। कांग्रेस पार्टी इस मामले में सरकार के साथ खड़ी है। विधानसभा में करीब 5 घंटे तक इस मुद्दे पर चर्चा होती रही।जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के विधायकों एवं नेताओं ने भाग लिया।
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विशेष सत्र के अंत में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत सिंह मान ने हरियाणा व केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए साफ किया कि अभी तक मानवता के आधार पर हरियाणा को पानी दिया जा रहा है, अगर जबरदस्ती की गई तो इस पानी को भी बंद कर दिया जाएगा। नियम अनुसार हरियाणा अपने हिस्से के पानी का इस्तेमाल कर चुका है।
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भगवंत मान ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि पंजाब के रास्ते से पाकिस्तान को एक बूंद भी पानी नहीं जा रहा है। इस समय सारे पानी की खपत पंजाब में हो रही है। पंजाब विधानसभा में कई घंटे तक चली कार्यवाही के बाद सर्व समिति से 6 प्रस्ताव पारित किए गए।
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-पंजाब अपने हिस्से का एक बूंद पानी भी हरियाणा को नहीं देगा लेकिन मानवता के आधार पर हरियाणा को दिया जा रहा 4000 के उसे पानी जारी रखा जाएगा।
-बीबीएमबी के विरुद्ध पारित किए गए प्रस्ताव में पंजाब विधानसभा ने कहा कि आज यह बोर्ड केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहा है। बोर्ड में स्वायत्ता पूरी तरह से खत्म हो चुकी है, इसलिए इस बोर्ड का पुनर्गठन करते हुए तय किए गए नियमों के अनुसार पंजाब को उसमें प्रतिनिधित्व दिया जाए।
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-पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया कि सतलुज ब्यास और रवि नदियां केवल पंजाब से बहती हैं। वर्ष 1981 में जो जल समझौता हुआ था तब इसमें जितना पानी था आज उतना पानी नहीं रहा है। ऐसे में इन नदियों से पानी के बंटवारे के लिए नई संधि बनाई जाए।
-पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव के अनुसार भाखड़ा डैम से किस राज्य को कितना पानी दिया जाना है इसके बारे में 1981 की जलसंधी में स्पष्ट लिखा गया है। बीबीएमबी को इसे बदलने का कोई अधिकार नहीं है अगर बीबीएमबी कोई भी फैसला लेता है तो वह असनावैधनिक होगा।
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-डैम सेफ्टी एक्ट- 2021 के प्रस्ताव को केंद्र सरकार वापस ले। पंजाब सरकार को यह एक्ट स्वीकार नहीं है। डैम पंजाब की सीमा में है। इसलिए पंजाब सेफ्टी ऐक्ट बनाएगा।
-बीबीएमबी में मीटिंग बुलाने के नियम तय हैं। लेकिन केंद्र के दबाव ओर हरियाणा को लाभ पहुंचाने के लिए बीबीएमबी ने बगैर एक सप्ताह को नोटिस दिए बैठके की है। सदन बीबीएमबी को निर्देश देता है कि बैठक बुलाने के नियमों का पालन हो।