Friday, April 19, 2024

नई विदेश व्यापार नीति जारी, कई उद्योगों को होगा लाभ, पढ़ें ट्रेड पॉलिसी की मुख्य बातें

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नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज वाणिज्य भवन में ‘विदेश व्यापार नीति 2023’ का अनावरण किया। इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल भी मौजूद रहीं।

इस मौके पर केंद्रीयमंत्री गोयल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर बहुत सी समस्याओं के बावजूद हमारे लिए मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 अच्छा रहा है। हमने 750 बिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा था, लेकिन ऐसा लग रहा है कि हम 765-770 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएंगे।

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने तीन साल के अंतराल के बाद नई विदेश व्यापार नीति तैयार की है। कोरोना की वजह से अभी तक मौजूदा विदेश व्यापार नीति ही लागू थी। यह 31 मार्च, 2023 को समाप्त हो जाएगी। नई विदेश व्यापार नीति अगले पांच साल के लिए होगी। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के महानिदेशक संतोष सारंगी ने कहा कि हमने यह सुनिश्चित किया है कि इस नीति की कोई अंतिम तिथि नहीं है, इसे समय-समय पर अपडेट किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि मौजूदा पिछली पांच साल की विदेश व्यापार नीति की अवधि मार्च, 2020 में खत्म हो गई थी, लेकिन कोरोना महामारी के प्रकोप और लॉकडाउन की वजह से इस नीति को कई बार विस्तार दिया गया। इसे अंतिम बार सितंबर, 2022 में 31 मार्च 2023 तक के लिए बढ़ाया गया था।

विदेश व्यापार नीति 2023 की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

  • पिछली विदेश व्यापार नीति की तरह इसकी कोई अंतिम तारीख नहीं है। सरकार जरूरत के मुताबिक इसमें बदलाव कर सकती है।
  • वाणिज्य मंत्रालय का भविष्य की उभरती अवश्यकताओं के अनुसार पुनर्गठन।
  • ई-कामर्स निर्यात को विदेश व्यापार नीति के भी लाभों का पात्र बनाया गया। वेयर-हाउसिंग सुविधा के साथ ई-कॉमर्स निर्यात केंद्रों को प्रोत्साहन। वहां लेबलिंग, प्रोसेसिंग जांच और पैकिंग भी होगी।
  • पूरे देश में ‘डाक निर्यात केंद्र’ खोले जाएंगे।
  • कोई सामान देश में लाए बगैर उसको तीसरे देश में निर्यात की छूट। इसके लिए भारतीय निर्यातकों को रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का पालन करने और कुछ अन्य शर्तों के साथ दूसरे देश से खरीदे माल को बाहर ही बाहर तीसरे देश में निर्यात करने की छूट से भारतीय निर्यातकों को गेहूं जैसी इस समय प्रतिबंधित जिंसों के निर्यात का अपना बाजार बनाए रखने की सुविधा होगी।
  • वैश्विक व्यापार में रुपये के प्रयोग को प्रोत्साहन देकर रुपए को वैश्विक स्तर पर स्वीकार मुद्रा बनाने का लक्ष्य। विदेशी विनियम संकट में फंसे देशों के साथ रुपये में व्यापार को प्रोत्साहन दे कर भारत के निर्यात बाजार के संरक्षण और संकटग्रस्त देश की मुश्किल में मदद की पहल।
  • वाराणसी, मिर्जापुर, मुरादाबाद और फरीदाबाद को निर्यात उत्कृष्टता वाले कस्बों (टीईई) की सूची में जगह। टीईई में साझा सेवा प्रदाताओं (सीएसपी) को ईपीसीजी योजना का लाभ।
  • बाजारों में प्रवेश की पहल (एमएआई) योजना का विस्तार।
  • डेयरी सेक्टर को औसत निर्यात दायित्व बनाए रखने से छूट दी गई है।
  • कूरियर सेवा के माध्यम से होने वाला निर्यात की वैल्यू लिमिट को 5 लाख रुपये से बढ़कर 10 लाख रुपये प्रति खेप कर दिया गया है।
  • राज्यों और जिलों को निर्यात संवर्धन में भागीदार बनाने लिए जिलों को निर्यात का केंद्र बनाने, जागरूकता बढ़ाने राज्य एवं जिला स्तर पर निर्यात संवर्धन समितियां बनाने की नीति। जिला स्तर पर क्षमता विस्तार किया जाएगा।
  • नियमित रूप से निर्यात करने वाली इकाइयों के स्वचालित मार्ग से आने वाले आवेदनों के आन-लाइन प्रसंस्करण की व्यवस्था में सुधार कर के अग्रिम स्वीकृति (एए) , ईपीसीजी (निर्यात संवर्धन के लिए पूंजीगत सामान), अनुज्ञप्ति के पूनर्सत्यापन और निर्यात दायित्व पूरा करने के समय को बढ़ाने के आवेदनों की मंजूदी एक दिन में देने की व्यवस्था। इस काम में पहले तीन दिन से एक माह लगते थे।
  • एए और ईपीसीजी के तहत एमएसएमई इकाइयों के लिए उपयोगकर्ता शुल्कों की दर में भारी कमी । इससे सूक्ष्म, लघु और मझोले क्षेत्र के 55-60 प्रतिशत निर्यातकों को फायदा होगा।
  • वस्तु के उद्गम स्थल के लिए ई-प्रमाणन व्यवस्था।
  • निर्यात दायित्व निर्वहन प्रमाण-पत्र ओदन की कागज मुक्त सुविधा।
  • स्टार निर्यात घराने का दर्जा बनाए रखने के लिए निर्यात की न्यूनतम सीम कम की गयी। इससे अधिक इकाइयों को वन स्टार से फाइव स्टार दर्जा प्राप्त निर्यात घराने का दर्जा मिल सकता है और उनकी लागत कम होगी।
  • एफटीपी 2023 में विशिष्ट रसायनों, जीव-वनस्पितियों, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी (स्कॉमेट) के निर्यात पर जोर।
  • सैन्य एवं असैन्य- दोहरे उपयोग वाले मानव रहित विमान/ड्रोन, क्रायोजेनिक (अति शीतल) टैंक, कुछ रसायनों के निर्यात के नियमों का सरलीकरण।

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