लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नगरीय क्षेत्रों के सुनियोजित विकास के लिए नई टाउनशिप नीति-2023 का निर्धारण किया है। इसके लिए जल्द ही शासनादेश जारी होगा। नई टाउनशिप नीति से निजी पूंजी निवेश के माध्यम से प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों के विकास की योजना बनाई गई है।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन नितिन रमेश गोकर्ण ने बुधवार को यहां बताया कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में निजी पूंजी निवेश के माध्यम से आवासीय योजनाओं के लिए पुनरीक्षित इन्टीग्रेटेड नीति, 2014 आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के शासनादेश 04 मार्च 2014 द्वारा लागू की गयी थी जिसमें शासनादेश 21 अक्टूबर 2021 द्वारा संशोधन किया गया था।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में निवेश अनकूल माहौल को बढ़ावा दिये जाने एवं निजी निवेश के माध्यम से सुनियोजित नगरीय विकास को प्रोत्साहित करते हुए जन-सामान्य के लिए उचित मूल्य पर आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय दृष्टि से बेहतर गुणवत्ता वाली नागरिक सुविधाओं से युक्त अत्याधुनिक टाउनशिप का विकास किये जाने एवं बदलते परिवेश में निजी निवेशकर्ताओं को लैण्ड असेम्बली आदि सहायता एवं बेहतर इन्सेन्टिव्स उपलब्ध कराने हेतु उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति, 2023 लागू की जा रही है, जो कि शासनादेश निर्गत किये जाने की तिथि से प्रभावी होगी।
उन्होंने बताया कि टाउनशिप नीति लागू होने के उपरान्त शासनादेश 04 मार्च 2014 द्वारा लागू की गयी निजी पूंजी निवेश आधारित इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति-2014 (लाइसेन्स आधारित प्रणाली) अवक्रमित हो जायेगी।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 लागू होने से स्थावर सम्पदा के क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। जन-सामान्य के लिए उचित मूल्य पर आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय दृष्टि से बेहतर गुणवत्ता वाली नागरिक सुविधाओं से युक्त अत्याधुनिक टाउनशिप की सुविधा उपलब्ध होगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में गुणवत्ता पूर्ण नागरिक सुविधाओं से युक्त आधुनिक टाउनशिप के विकास से जन सामान्य को बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध होगी। नगरों के सुनियोजित विकास को बढ़ावा मिलेगा, निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन में बढ़ोत्तरी होगी।