जयपुर। संघ पृष्ठभूमि से जुड़े सांगानेर से विधायक भजनलाल शर्मा को मंगलवार शाम तक शायद अहसास नहीं था कि वे राजस्थान के मुख्यमंत्री का ताज पहनने जा रहे हैं। शायद तभी वे भाजपा कार्यालय में हुई विधायकों की ग्रुप फोटो में आखिरी लाइन में खड़े दिखाई दिए थे। बाद में विधायक दल की बैठक में भाजपा हाईकमान द्वारा तय किए गए नाम का ऐलान किया गया और भजनलाल शर्मा के नाम पर सभी की सहमति बन गई। भजनलाल शर्मा मूलत: भरतपुर के रहने वाले हैं। वे प्रदेश महामंत्री के पद पर भी थे।
प्रदेश मुख्यालय में बैठक से पहले राजनाथ सिंह के साथ सभी विधायकों का ग्रुप फोटो सेशन हुआ है। फोटो सेशन के दौरान वसुंधरा राजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बिल्कुल बगल में बैठी थी। वहीं भजनलाल शर्मा आखिरी पंक्ति में खड़े थे। उपमुख्यमंत्री बनाए गए नेता दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा दूसरी पंक्ति में थे, वहीं वासुदेव देवनानी पहली पंक्ति में बैठे हुए थे।
राजनाथ सिंह नए मुख्यमंत्री का नाम लेकर आए। बैठक से पहले उन्हाेंने होटल में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से वन-टू-वन बातचीत की। दोनों के बीच करीब दस मिनट तक बातचीत चली। इसके बाद सभी नेताओं के बीच भी कुछ देर चर्चा हुई। सूत्राें के मुताबिक नए सीएम के नाम की जानकारी वसुंधरा को विधायक दल की बैठक से ऐन पहले ही दी गई। भजनलाल के विधायक दल के नेता का प्रस्ताव वसुंधरा राजे ने ही रखा।
भाजपा ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के चयन के जरिए ब्राह्मण, राजपूत और दलित समाज को साधा है। ब्राह्मण को मुख्यमंत्री और राजपूत को उप मुख्यमंत्री बनाकर सामान्य वर्ग में भी भाजपा ने एक बड़ा मैसेज दिया है। वहीं प्रेमचंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री बनाकर दलितों में और मजबूत पकड़ बनाने की कोशिश की है।
राजस्थान में तैंतीस साल बाद ब्राह्मण चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया गया है। इससे पहले कांग्रेस से हरिदेव जोशी राजस्थान के तीन बार सीएम रहे हैं। सबसे पहले वे सन् 1973 से 1977 तक, फिर 1985 से 1988 तक और फिर 1989 से 1990 तक सीएम रहे।